बेंगलुरु के ट्रैफिक पर वायरल पोस्ट ने छेड़ी नई बहस

बेंगलुरु की ट्रैफिक समस्या
Bengaluru traffic: बेंगलुरु, जिसे भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाता है, एक बार फिर अपने ट्रैफिक जाम के मुद्दे के लिए चर्चा में है। हाल ही में एक इंस्टाग्राम पोस्ट ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी, जिसमें एक व्यक्ति ने बताया कि उसने अपनी दोस्त को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर छोड़ा, और वह दुबई पहुंच गई, जबकि वह खुद अभी भी शहर के ट्रैफिक में फंसा हुआ था। इस पोस्ट ने बेंगलुरु के ट्रैफिक की स्थिति पर नई बहस को जन्म दिया है.
एक ट्रैवल और फूड इन्फ्लुएंसर ने इंस्टाग्राम पर बेंगलुरु के भारी ट्रैफिक का एक वीडियो साझा किया। उन्होंने कैप्शन में लिखा, "मैंने अपनी दोस्त को दुबई जाने के लिए बैंगलोर एयरपोर्ट पर छोड़ा। वह दुबई पहुंच गई और मैं अभी भी बैंगलोर के ट्रैफिक में फंसा हुआ हूं।" इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट एक बेंगलुरु निवासी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया और पूछा कि क्या यह सच हो सकता है। इसने तुरंत लोगों का ध्यान आकर्षित किया और शहरवासियों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आईं.
बेंगलुरु के निवासियों की प्रतिक्रिया
कई उपयोगकर्ताओं ने इस पोस्ट को अतिशयोक्तिपूर्ण और व्यंग्यात्मक बताया। एक उपयोगकर्ता ने कहा, "यह सच नहीं है!" उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए यात्री आमतौर पर 3 घंटे पहले निकलते हैं, और दुबई की उड़ान में 3.5 घंटे लगते हैं। इस हिसाब से कुल 6.5 घंटों में, "आप हेब्बल, मराठाहल्ली, एचएसआर, ई-सिटी, सिल्क बोर्ड, सीबीडी होते हुए वापस हेब्बल पहुंच सकते हैं, और यह चक्कर दोबारा लगा सकते हैं!" एक अन्य नियमित यात्री ने कहा, "हेब्बल में ट्रैफिक ठीक चल रहा है और उतना बुरा नहीं है जितना दिखाया जा रहा है।" उन्होंने इसे शहर का अनुचित मजाक बताया। हालांकि, कुछ उपयोगकर्ताओं ने माना कि यह दावा पूरी तरह असंभव नहीं है। एक उपयोगकर्ता ने कहा, "यह सच भी हो सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि घर हवाई अड्डे से कितनी दूर है।"
ट्रैफिक की समस्या और बुनियादी ढांचे की कमी
कुछ उपयोगकर्ताओं ने इस पोस्ट को मजेदार लेकिन सच्चाई के करीब बताया। एक उपयोगकर्ता ने टिप्पणी की, "यह पोस्ट मज़ेदार लेकिन दुर्भाग्य से सच है।" उन्होंने कहा कि बेंगलुरु का बुनियादी ढांचा शहर के तेजी से बढ़ते विकास के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रहा है। एक अन्य उपयोगकर्ता ने सुझाव दिया कि "सिल्क बोर्ड से हेब्बल तक मेट्रो की पहुंच वाला डबल-डेकर फ्लाईओवर इस समस्या को कम कर सकता है। लेकिन लगता है अब बहुत देर हो चुकी है।"
नकारात्मकता या हास्य?
कई लोगों ने इस पोस्ट को हल्के-फुल्के अंदाज में लिया, लेकिन कुछ ने इसे शहर की छवि के लिए नकारात्मक बताया। एक उपयोगकर्ता ने कहा, "यह पोस्ट पूरे शहर के खिलाफ नफरत फैलाती है। यह पूरे शहर का मजाक उड़ाती है।" वहीं, कुछ ने इसे केवल एक मजेदार व्यंग्य के रूप में देखा, जो बेंगलुरु की ट्रैफिक समस्याओं को उजागर करता है।