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जेसी बोस विश्वविद्यालय का 57वां स्थापना दिवस: छात्रों और पूर्व छात्रों का सम्मान

जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने अपने 57वें स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया, जिसमें छात्रों और पूर्व छात्रों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। समारोह में छात्र क्लबों द्वारा प्रस्तुत नवाचारी प्रोजेक्ट्स और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों ने विश्वविद्यालय की गौरवशाली विरासत और औद्योगिक विकास में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। जानें इस समारोह की खास बातें और भविष्य की योजनाएं।
 

उत्सव का आयोजन


  • छात्रों, शिक्षकों और पूर्व छात्रों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया


फरीदाबाद। जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए ने अपने 57वें स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया। इस अवसर पर छात्रों, संकाय सदस्यों और पूर्व छात्रों को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। समारोह में छात्र क्लबों द्वारा प्रस्तुत नवाचारी प्रोजेक्ट्स और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। इन प्रोजेक्ट्स में ड्रोन, सोलर व्हीलचेयर, और छात्रों द्वारा निर्मित रेसिंग कार शामिल थे। सांस्कृतिक कार्यक्रम देर शाम तक चले, जिससे समारोह में उत्साह बना रहा।


विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित पूर्व छात्र प्रो. राकेश कुमार मुद्गल, कुलपति, आत्मीय विश्वविद्यालय, राजकोट, और सरदार सुखदेव सिंह, अध्यक्ष, वाईएमसीए एमओबी पूर्व छात्र संघ, विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. राजीव कुमार, कुलगुरु, जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने की। समारोह में 17 शोध पुरस्कार, तीन स्टार पूर्व छात्र पुरस्कार, और नवाचार पुरस्कार सहित कई पुरस्कार प्रदान किए गए। क्लब समन्वयकों को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।


नवाचारी परियोजनाओं का प्रदर्शन

छात्र क्लबों द्वारा नवाचारी परियोजनाओं का प्रदर्शन किया गया


समारोह की शुरुआत आचार्य जे.सी. बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण और वृक्षारोपण अभियान से हुई। शकुंतलम हॉल में, छात्र क्लबों द्वारा नवाचारी परियोजनाओं का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर एक वृत्तचित्र के माध्यम से विश्वविद्यालय की अकादमिक यात्रा और उन्नत सुविधाओं को दर्शाया गया। प्रो. राकेश कुमार मुद्गल ने कहा कि किसी शैक्षणिक संस्थान की आत्मा उसका शिक्षण है।


गौरवशाली विरासत का पुनर्जनन

गौरवशाली विरासत को पुनर्जनन करने का किया आह्वान


उन्होंने फरीदाबाद के औद्योगिक विकास में विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक भूमिका की सराहना की और इसकी गौरवशाली विरासत को पुनर्जनन करने का आह्वान किया। वाईएमसीए मॉब के अध्यक्ष सरदार सुखदेव सिंह ने संस्थान की यात्रा पर प्रकाश डाला और 10,000 से अधिक पूर्व छात्रों के योगदान को रेखांकित किया।


छात्रावास निर्माण में सहयोग का आह्वान

पूर्व छात्र के नाम पर लडक़ों का छात्रावास बनाने में दें सहयोग


उन्होंने छात्रों से शिक्षकों का सम्मान करने की अपील की और आर्थिक कारणों से फीस न चुका पाने वाले छात्रों को आश्वासन दिया कि वे पढ़ाई पर ध्यान दें। प्रो. राजीव कुमार ने छात्र संघ से अनुरोध किया कि वे विश्वविद्यालय में अपने किसी एक प्रतिष्ठित पूर्व छात्र के नाम पर लडक़ों का छात्रावास बनाने में सहयोग करें। इस कार्यक्रम का समापन कुलसचिव प्रो. अजय रँगा द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।