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भारतीय नौसेना ने लॉन्च किया पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल INS निस्तार

भारतीय नौसेना ने अपने पहले स्वदेश निर्मित डाइविंग सपोर्ट वेसल INS निस्तार का उद्घाटन किया है। यह पोत 10,000 टन वजन और 118 मीटर लंबा है, जिसे गहरे समुद्र में गोताखोरी और बचाव कार्यों के लिए डिज़ाइन किया गया है। नौसेना प्रमुख ने इसे भारत की समुद्री ताकत में एक महत्वपूर्ण वृद्धि बताया। INS निस्तार 300 मीटर तक गोताखोरी करने में सक्षम है और इसमें स्वदेशी तकनीक का उपयोग किया गया है। जानें इस जहाज की विशेषताएँ और इसके महत्व के बारे में।
 

INS निस्तार का उद्घाटन

भारतीय नौसेना: भारतीय नौसेना ने शुक्रवार को विशाखापत्तनम में स्थित नौसेना डॉकयार्ड में अपने पहले स्वदेश निर्मित डाइविंग सपोर्ट वेसल (डीएसवी) आईएनएस निस्तार का उद्घाटन किया। यह पोत हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है और इसे गहरे समुद्र में गोताखोरी और बचाव कार्यों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। इस प्रकार के जहाज विश्वभर में केवल कुछ नौसेनाओं के पास उपलब्ध हैं। यह पोत नौसेना के गहरे जलमग्न बचाव पोत (DSRV) के लिए मुख्य पोत के रूप में भी कार्य करेगा। इस समारोह में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी उपस्थित रहे।


समुद्री शक्ति में वृद्धि

समुद्री ताकत में एक गौरवपूर्ण बढ़ोतरी


नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश ने आईएनएस निस्तार को भारत की समुद्री शक्ति में एक महत्वपूर्ण वृद्धि बताया। उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान इसी नाम के एक पुराने पोत की भूमिका को भी याद किया, जिसने पाकिस्तानी पनडुब्बी गाजी का पता लगाने में मदद की थी। उन्होंने कहा, 'मुझे विश्वास है कि नया निस्तार पुरानी विरासत को आगे बढ़ाएगा और उसे और मजबूत करेगा।' नया निस्तार लगभग 10,000 टन वजन और 118 मीटर लंबा है।


गोताखोरी की क्षमता

300 मीटर तक कर सकता है गोताखोरी


यह पोत भारतीय रजिस्टर ऑफ शिपिंग के मानकों के अनुसार निर्मित है और यह 300 मीटर तक की गहराई में गोताखोरी करने में सक्षम है। इसमें 75 मीटर तक की उथली गोताखोरी के लिए एक साइड डाइविंग स्टेज भी शामिल है। गोताखोरों की सहायता के लिए 1,000 मीटर की गहराई तक काम करने में सक्षम रिमोट से संचालित वाहन (ROV) भी मौजूद हैं। जहाज के लगभग 75 प्रतिशत पुर्जे स्वदेशी हैं, जो सरकार की मेक इन इंडिया पहल के तहत रक्षा निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस जहाज का नाम 'निस्तार' संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ 'मुक्ति' या 'बचाव' है।