गूगल और मेटा को ईडी का नोटिस: भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी के कानून
ईडी का नोटिस
ईडी नोटिस गूगल और मेटा: ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के मामले में मेटा और गूगल के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इन कंपनियों के प्रतिनिधियों को नोटिस जारी कर 21 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया है। जांच एजेंसी को संदेह है कि कई प्रसिद्ध हस्तियां इन सट्टेबाजी ऐप के प्रचार में शामिल हैं। ऐसे में, ईडी अगले कुछ दिनों में इन सेलिब्रिटीज को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है। एजेंसी का आरोप है कि इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने सट्टेबाजी ऐप को बार-बार प्रमुखता से प्रदर्शित किया है। ईडी का मानना है कि इन ऐप्स के माध्यम से करोड़ों रुपये की कमाई की गई है।
भारत में सट्टेबाजी के कानून
भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए कोई प्रभावी कानून नहीं है। हालांकि, जुआ के लिए एक कानून है जिसमें अधिकतम दो हजार रुपये का जुर्माना और 12 महीने तक की जेल की सजा का प्रावधान है। ऑनलाइन सट्टेबाजी के संबंध में कानून स्पष्ट नहीं है। इसके अलावा, सार्वजनिक जुआ गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए अंग्रेजों के समय से बना एक कानून भी है, जो अब अप्रासंगिक हो चुका है। 1867 में बनाए गए इस एक्ट के तहत अधिकतम 500 रुपये का जुर्माना और तीन महीने की कैद का प्रावधान है।
राज्यों में कैसीनो की अनुमति
गोवा, सिक्किम और दमन दीव जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में कैसीनो खेलने की अनुमति है। इसके अलावा, कई राज्यों में घुड़दौड़ प्रतियोगिताओं में सट्टा लगाना वैध है, क्योंकि इसे कौशल का खेल माना जाता है। कई राज्यों में लॉटरी को भी वैध माना गया है। इसके अलावा, कोर्ट ने रम्मी और पोकर जैसे खेलों को खेलने की अनुमति दी है।
विदेशों में सट्टेबाजी के कानून
अमेरिका, यूके और अन्य देशों में सट्टेबाजी को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न व्यवस्थाएं लागू की गई हैं। अमेरिका के न्यू जर्सी और पेंसिल्वेनिया में ऑनलाइन कैसीनो पूरी तरह से वैध हैं। वहीं, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया में ऑनलाइन सट्टेबाजी को मान्यता दी गई है। यूके में 2005 का जुआ एक्ट लागू है, और ऑस्ट्रेलिया में भी 2001 में इस पर कानून बनाया गया था।