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रुपये में गिरावट, कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी पूंजी निकासी का असर

बुधवार को रुपये में गिरावट आई, जो कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और विदेशी पूंजी निकासी के कारण हुई। रुपये की कीमत 88.65 प्रति डॉलर पर पहुंच गई, जबकि घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी में वृद्धि देखी गई। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों के बारे में।
 

रुपये की स्थिति

बुधवार को कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और विदेशी पूंजी की निकासी के चलते रुपये में 15 पैसे की गिरावट आई, जिससे यह 88.65 प्रति डॉलर पर पहुंच गया।


विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर नए सकारात्मक संकेतों ने घरेलू मुद्रा को कुछ समर्थन प्रदान किया।


बाजार में रुपये का प्रदर्शन

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपये की शुरुआत अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.61 पर हुई, लेकिन बाद में यह 15 पैसे गिरकर 88.65 प्रति डॉलर पर आ गया।


मंगलवार को रुपये की बंद कीमत 88.50 प्रति डॉलर थी। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.06 प्रतिशत बढ़कर 99.50 पर पहुंच गया।


शेयर बाजार की गतिविधियाँ

घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स ने शुरुआती कारोबार में 502.82 अंक की वृद्धि के साथ 84,374.14 अंक पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 144.05 अंक की बढ़त के साथ 25,839 अंक पर रहा।


अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65 डॉलर प्रति बैरल पर स्थिर रही।


विदेशी निवेशकों की गतिविधियाँ

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने मंगलवार को बिकवाली की और उन्होंने कुल 803 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।