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कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला: आगरा कोर्ट ने स्वीकार की याचिका

आगरा की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह की याचिका को स्वीकार कर लिया है। यह मामला उनके विवादास्पद बयान के कारण उठाया गया था, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान गंभीर आरोप लगाए थे। वकील रमाशंकर शर्मा ने कंगना पर किसानों का अपमान करने का आरोप लगाया है। अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई की बात कही है। जानें इस विवाद के सभी पहलुओं के बारे में।
 

आगरा में कंगना रनौत पर कानूनी कार्रवाई


आगरा: बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत के खिलाफ कानूनी मामला और गंभीर हो गया है। आगरा की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने किसानों पर उनके विवादास्पद बयान के संबंध में दायर राष्ट्रद्रोह की याचिका को स्वीकार कर लिया है।


किसान आंदोलन पर कंगना का विवादित बयान

वकील रमाशंकर शर्मा ने सितंबर 2024 में यह याचिका दायर की थी, जिसमें कंगना पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान दिए गए अपने बयान से किसानों का अपमान किया और राष्ट्रविरोधी टिप्पणी की।


आगरा कोर्ट का निर्णय

बुधवार को आगरा कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद वकील रमाशंकर शर्मा की याचिका को स्वीकार कर लिया। अदालत ने 10 नवंबर को दोनों पक्षों की बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था, जो अब कंगना के खिलाफ गया है। इस निर्णय के बाद उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह और किसानों के अपमान से संबंधित धाराओं में मुकदमा चलेगा।


कंगना के बयान पर किसानों की नाराजगी

कंगना रनौत ने एक मीडिया इंटरव्यू में किसान आंदोलन के संदर्भ में कहा था कि 'इस दौरान रेप और मर्डर हुए थे।' इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि यदि तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए गए, तो 'बांग्लादेश जैसे हालात' उत्पन्न हो सकते हैं। इस बयान के कारण किसानों में भारी नाराजगी फैल गई थी और इसे राष्ट्रविरोधी करार दिया गया था।


वकील के गंभीर आरोप

वकील और बार असोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 2024 को एमपी-एमएलए अदालत में याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कंगना ने लाखों किसानों, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों का अपमान किया है। शर्मा का कहना था कि यह टिप्पणी संविधान में निहित नागरिक कर्तव्यों और नैतिक सीमाओं का उल्लंघन है।


निचली अदालत के फैसले पर सवाल

वकीलों ने अपने तर्क में कहा कि अवर न्यायालय द्वारा इस मामले को खारिज करना उचित नहीं था। अदालत ने न्यू आगरा पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन कंगना की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। ऐसे में निचली अदालत द्वारा मामला बंद कर देना कानून की दृष्टि से अनुचित था।


कंगना के वकीलों का पक्ष

कंगना रनौत की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने अदालत में अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि अभिनेत्री का बयान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आता है। हालांकि, अदालत ने वकीलों की दलीलें सुनने के बाद यह माना कि मामले में जांच की पर्याप्त गुंजाइश है। अब इस पर आगे की सुनवाई की जाएगी।