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बुधवार को गणपति पूजन का महत्व: जानें इसके पीछे का रहस्य

गणपति पूजन का महत्व किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले होता है। बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है, और इसके पीछे कई ज्योतिषीय और पौराणिक रहस्य छिपे हुए हैं। जानें कि क्यों इस दिन गणपति की पूजा विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है। बुध ग्रह का संबंध, पौराणिक कथाएं और पूजा के लाभ इस लेख में विस्तार से बताए गए हैं।
 

गणेश पूजन का महत्व


गणेश भगवान की पूजा का महत्व
गणेश पूजन का महत्व किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले होता है। भगवान श्री गणेश को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है। बुधवार का दिन विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित है, और इसके पीछे कई ज्योतिषीय और पौराणिक रहस्य छिपे हुए हैं। आइए जानते हैं कि बुधवार को गणपति पूजन क्यों इतना शुभ माना जाता है।


बुध ग्रह और गणेश का संबंध

बुधवार का दिन बुध ग्रह से जुड़ा हुआ है। ज्योतिष में, बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है, जो बुद्धि, वाणी, तर्क शक्ति, व्यापार, शिक्षा और निपुणता का प्रतीक है।


  • कमजोर बुध को बल: यदि किसी की कुंडली में बुध कमजोर है, तो उन्हें बुधवार को भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। इससे बुध के दोष शांत होते हैं और व्यक्ति को बुद्धि और व्यापार में लाभ मिलता है।
  • सौम्यवार: बुधवार को सौम्यवार कहा जाता है, जिसका अर्थ है शांत और शुभ दिन। भगवान गणेश की सौम्य प्रकृति के कारण इस दिन उनकी पूजा को विशेष महत्व दिया गया है।


पौराणिक कथाओं में रहस्य

कथाओं के अनुसार, जब माता पार्वती के आशीर्वाद से श्री गणेश का जन्म हुआ, तब बुध देव भी कैलाश पर्वत पर उपस्थित थे। उनकी उपस्थिति को शुभ माना गया, और इसी कारण बुधवार को गणेश पूजा का दिन निर्धारित किया गया।


बुधवार को गणपति पूजन के लाभ

  • बुध ग्रह के दोष से मुक्ति: जिनकी कुंडली में बुध कमजोर है, उन्हें इस दिन गणपति की उपासना करनी चाहिए।
  • बुद्धि और वाणी में सुधार: यह दिन विद्यार्थियों और व्यापारियों के लिए अत्यंत शुभ है।
  • विघ्नों का नाश: गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा गया है, इसलिए उनकी पूजा से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
  • आर्थिक प्रगति: गणपति जी को लाभ के देवता माना जाता है, इसलिए यह दिन धन और उन्नति का प्रतीक है।