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AAP ने INDIA ब्लॉक से खुद को अलग किया, विपक्षी एकता को लगा झटका

आम आदमी पार्टी (AAP) ने विपक्षी गठबंधन INDIA से खुद को अलग कर लिया है, जिससे विपक्षी एकता को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के सांसद संजय सिंह ने स्पष्ट किया है कि AAP अब इस गठबंधन का हिस्सा नहीं है। इस निर्णय के पीछे लोकसभा चुनाव के बाद की राजनीतिक स्थिति और कांग्रेस के साथ तनाव भी शामिल है। AAP का यह कदम विपक्षी एकता में दरार डाल सकता है, खासकर जब 2024 के चुनावों की तैयारी चल रही है। जानें इस फैसले के राजनीतिक प्रभाव और भविष्य की संभावनाओं के बारे में।
 

AAP का बड़ा फैसला

आम आदमी पार्टी (AAP): अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने विपक्षी गठबंधन INDIA को एक बड़ा झटका दिया है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, AAP ने आगामी महत्वपूर्ण बैठक से खुद को अलग कर लिया है। पार्टी के सांसद संजय सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनकी पार्टी अब INDIA ब्लॉक का हिस्सा नहीं है।


संजय सिंह का बयान

हम अब INDIA ब्लॉक का हिस्सा नहीं हैं

संजय सिंह ने मीडिया को बताया कि INDIA ब्लॉक का गठन लोकसभा चुनाव के लिए किया गया था। चुनाव के बाद, AAP ने हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़े। इसके अलावा, पंजाब और गुजरात में उपचुनाव भी पार्टी ने अपने दम पर लड़े। उन्होंने यह भी कहा कि AAP अब इस गठबंधन का हिस्सा नहीं है और अरविंद केजरीवाल ने इसे स्पष्ट कर दिया है।


कांग्रेस के साथ तनाव

AAP और कांग्रेस के बीच तनाव!

सूत्रों के अनुसार, AAP की असली प्रतिस्पर्धा कांग्रेस से है। दोनों पार्टियों के बीच दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात और गोवा में राजनीतिक टकराव देखा गया है। AAP का सपा, टीएमसी और डीएमके जैसे अन्य सहयोगियों के साथ बेहतर तालमेल है, लेकिन कांग्रेस के साथ उनके संबंध उतने मजबूत नहीं हैं।


विपक्षी एकता में दरार

कमजोर होगा INDIA ब्लॉक!

हालांकि AAP ने 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद खुद को INDIA ब्लॉक से अलग कर लिया है, लेकिन पार्टी ने संसद से लेकर सड़क तक मोदी सरकार की नीतियों का विरोध जारी रखा है। संजय सिंह संसद में सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं और विपक्ष की एक मजबूत आवाज माने जाते हैं। लेकिन AAP के अलग होने से विपक्षी एकता में दरार आने की संभावना है।


AAP की राजनीतिक स्थिति

AAP के पास 8 राज्यसभा और 3 लोकसभा सांसद हैं, जो उसकी राजनीतिक ताकत को दर्शाते हैं। पार्टी का अलग होना विपक्षी एकता के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। याद रहे कि 2024 के लोकसभा चुनाव में इसी गठबंधन के कारण भाजपा को बहुमत हासिल करने में कठिनाई हुई थी।