चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी से छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी का मामला
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी: छत्तीसगढ़ की राजनीतिक स्थिति में अचानक उथल-पुथल मच गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को एक कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी पर भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार और ईडी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस वनों की कटाई के खिलाफ संघर्ष कर रही है, और अब हमें दबाने का प्रयास किया जा रहा है। जिन लोगों ने यह सब किया है, उन्हें परेशान किया जा रहा है। मेरे बेटे को उसके जन्मदिन पर गिरफ्तार किया गया, ठीक उसी तरह जैसे पिछले साल मेरे जन्मदिन पर मेरे सलाहकार को निशाना बनाया गया था। हम न डरेंगे, न झुकेंगे।'
राजनीति में गर्माहट
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर गरमाई सियासत
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। यह कार्रवाई विधानसभा सत्र के अंतिम दिन हुई, जिससे कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का एक उदाहरण बताया। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत सहित सभी कांग्रेस विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा शासित केंद्र सरकार विपक्ष की आवाज़ को दबाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला का विवरण
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला क्या है?
ईडी की जांच के अनुसार, यह घोटाला फरवरी 2019 से शुरू हुआ था। उस समय हर महीने 800 पेटी शराब डिस्टिलरी से भेजी जाती थी, जिसके लिए 200 ट्रक लगाए जाते थे। प्रारंभ में हर पेटी की कीमत ₹2,840 थी, लेकिन जब कार्रवाई का दायरा बढ़ा, तो ट्रकों की संख्या 400 तक पहुँच गई और पेटी की कीमत ₹3,880 तक पहुँच गई। ईडी के अनुसार, तीन वर्षों में लगभग 60 लाख पेटी शराब अवैध रूप से बेची गई, जिससे लगभग ₹2,174.60 करोड़ का काला धन इकट्ठा हुआ।
चैतन्य बघेल पर आरोप
चैतन्य बघेल पर क्या आरोप है?
यह मामला छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से संबंधित है, जिसमें चैतन्य बघेल पर मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि राज्य में शराब की अवैध बिक्री से हजारों करोड़ रुपये कमाए गए और इस रकम को वैध दिखाने के लिए जटिल लेन-देन किए गए। जांच के दौरान, ईडी को कुछ वित्तीय लेन-देन और बैंक लेनदेन के सबूत मिले हैं, जो चैतन्य बघेल से जुड़े बताए जा रहे हैं। ईडी का दावा है कि इस पूरे घोटाले में एक संगठित नेटवर्क शामिल था, जिसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था। इसी आधार पर चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया गया है।