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ऋषभ पंत की मैनचेस्टर टेस्ट में भागीदारी पर संदेह, रवि शास्त्री का महत्वपूर्ण बयान

भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाले चौथे टेस्ट मैच में ऋषभ पंत की भागीदारी पर संदेह है। पूर्व कोच रवि शास्त्री ने पंत को खेलने से पहले पूरी तरह फिट होने की सलाह दी है। पंत की चोट के कारण उनकी स्थिति चिंताजनक है, जिससे भारतीय टीम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जानें शास्त्री ने इस मामले में क्या कहा और पंत की संभावित वापसी के बारे में क्या जानकारी है।
 

ऋषभ पंत की स्थिति पर चर्चा

ऋषभ पंत की स्थिति: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला का चौथा मैच 23 जुलाई को मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेला जाएगा। इस मैच में भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की भागीदारी अभी भी संदिग्ध है। यदि पंत इस मैच में नहीं खेलते हैं, तो भारतीय टीम को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि वह इस श्रृंखला में शानदार फॉर्म में हैं।


पंत को लॉर्ड्स में तीसरे टेस्ट के दौरान चोट लगी थी। इंग्लैंड की पहली पारी में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की गेंद को पकड़ने के प्रयास में उनकी बाईं तर्जनी उंगली में चोट आई। इसके बाद ध्रुव जुरेल ने विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी संभाली। हालांकि, पंत ने दोनों पारियों में बल्लेबाजी की, लेकिन वह दर्द में थे। ऐसे में उनका मैनचेस्टर टेस्ट में खेलना मुश्किल प्रतीत हो रहा है।


रवि शास्त्री का बयान

ऋषभ पंत को लेकर रवि शास्त्री का सुझाव


पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने पंत के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने सुझाव दिया है कि पंत को चौथे टेस्ट की प्लेइंग-11 से बाहर रखा जाना चाहिए। शास्त्री के अनुसार, पंत को तब तक नहीं खेलाना चाहिए जब तक वह पूरी तरह से फिट न हों। उन्होंने यह भी कहा कि पंत को केवल विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में खेलाना खतरनाक हो सकता है।


शास्त्री ने ऐसा क्यों कहा?


रवि शास्त्री ने आईसीसी रिव्यू में संजना गणेशन से बातचीत करते हुए कहा, 'यदि उनकी उंगली टूटी है या फ्रैक्चर हुआ है, तो उन्हें आराम देना बेहतर होगा। इंग्लैंड को अब उनकी चोट के बारे में पता है, जिससे भारत के पास विकल्प सीमित हो जाएंगे। यदि पंत टीम में आते हैं, तो उन्हें बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग दोनों करनी होगी। आधी-अधूरी फिटनेस के साथ खेलना ठीक नहीं होगा।'


शास्त्री ने आगे कहा, 'अगर पंत विकेटकीपिंग नहीं कर सकते, तो उन्हें विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में मैदान पर नहीं आना चाहिए। यदि वह विकेटकीपिंग नहीं करेंगे, तो उन्हें फील्डिंग करनी होगी। अगर बिना दस्ताने के वही हिस्सा फिर से चोटिल हो गया, तो स्थिति और बिगड़ जाएगी। विकेटकीपिंग में थोड़ी सुरक्षा होती है, लेकिन फील्डर के रूप में नहीं। ऐसे में चोट गंभीर हो सकती है।'