ओवेरियन कैंसर के लक्षण: पहचानें शुरुआती संकेत और उपचार
ओवेरियन कैंसर के लक्षण
ओवेरियन कैंसर के लक्षण: अंडाशय का कैंसर, जिसे अक्सर साइलेंट किलर कहा जाता है, जीवनशैली की आदतों, उम्र बढ़ने या गर्भावस्था के कारण हो सकता है। इस कैंसर में ओवरीज या फेलोपियन ट्यूब्स में असामान्य कोशिकाएं विकसित होने लगती हैं। ओवरीज की संख्या दो होती है और ये आकार में अखरोट जैसी होती हैं। यदि ओवेरियन कैंसर के लक्षण समय पर पहचाने जाएं, तो इसका उपचार (Cancer Treatment) सरल हो जाता है। यहां हम जानेंगे कि ओवेरियन कैंसर के प्रारंभिक लक्षण क्या हैं, किन महिलाओं को इसका अधिक खतरा होता है और इसका उपचार कैसे किया जाता है।
ओवेरियन कैंसर के शुरुआती लक्षण
ओवेरियन कैंसर के दौरान कभी-कभी वजाइनल ब्लीडिंग हो सकती है। यदि मेनोपोज के बाद ब्लीडिंग होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ओवेरियन कैंसर के कुछ प्रारंभिक लक्षण इस प्रकार हैं:
- वजाइनल डिस्चार्ज होना
- पेल्विक क्षेत्र में दबाव या दर्द महसूस होना
- पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
- भोजन करने में कठिनाई होना
- भूख कम लगना और थोड़ी मात्रा में खाने पर भी पेट भरा हुआ महसूस होना
- बार-बार बाथरूम जाना और पेशाब की इच्छा होना
- कब्ज की समस्या भी ओवेरियन कैंसर का एक लक्षण हो सकता है।
ओवेरियन कैंसर की जांच और जोखिम कारक
ओवेरियन कैंसर की पहचान के लिए सबसे पहले ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासोनोग्राफी की जाती है। इसके बाद CT स्कैन और MRI जैसे एडवांस टेस्ट भी किए जा सकते हैं।
किन महिलाओं को ओवेरियन कैंसर का खतरा है:
- 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं अधिक प्रभावित होती हैं।
- मोटापा भी ओवेरियन कैंसर के जोखिम में योगदान देता है।
- यदि परिवार में किसी को ओवेरियन कैंसर हुआ है, तो यह भी एक जोखिम कारक है।
- बच्चा न होने या देर से गर्भधारण करने से भी खतरा बढ़ता है।
- एंडोमेट्रियोसिस भी ओवेरियन कैंसर का कारण बन सकता है।
ओवेरियन कैंसर का उपचार
ओवेरियन कैंसर का उपचार:
ओवेरियन कैंसर की पहचान के बाद, उपचार में सर्जरी शामिल होती है, जिसमें कैंसरग्रस्त ओवरीज को हटाया जाता है। इसके अलावा, कीमोथेरपी, टार्गेटेड थेरपी, हार्मोन थेरपी और रेडिएशन थेरपी भी उपयोग की जा सकती हैं।