कोलेस्ट्रॉल के लक्षण: हाथों और पैरों में पहचानें संकेत
कोलेस्ट्रॉल के लक्षण
कोलेस्ट्रॉल के लक्षण: आजकल की जीवनशैली में कोलेस्ट्रॉल एक सामान्य समस्या बन गई है, जो स्ट्रोक और हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा सकती है। इसे अक्सर 'साइलेंट किलर' कहा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते। हालांकि, आपके हाथों और पैरों में कुछ संकेत हो सकते हैं जो उच्च कोलेस्ट्रॉल की ओर इशारा करते हैं।
इन संकेतों में पैरों में दर्द या ऐंठन, सुन्नपन या झुनझुनी, और नाखूनों का पीला पड़ना शामिल हैं। इन लक्षणों को पहचानना और समय पर डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है, ताकि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके। आइए जानते हैं कि हाथों और पैरों में कौन से लक्षण दिखाई देते हैं, जो उच्च कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकते हैं। हाथों और पैरों में झुनझुनी: जब धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है, तो हाथों और पैरों तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुँच पाता, जिससे झुनझुनी या चुभन महसूस होती है। यह खराब रक्त संचार के कारण होता है।
हाथों और पैरों में लक्षण
हाथों और पैरों में कौन से लक्षण दिखते हैं?
पैरों में ऐंठन:
धमनियों में रुकावट के कारण पैरों की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे चलते समय या हल्की शारीरिक गतिविधि के दौरान पैरों में ऐंठन हो सकती है। बार-बार ऐंठन का अनुभव होना उच्च कोलेस्ट्रॉल का गंभीर संकेत हो सकता है।
ठंडे हाथ-पैर:
कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से धमनियाँ सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है। इस कारण, सामान्य मौसम में भी आपके हाथ-पैर ठंडे महसूस हो सकते हैं। यह पैरों तक रक्त की कमी का संकेत है।
हाथों-पैरों में लगातार दर्द:
धमनियों में रुकावट या संकुचन से रक्त संचार में समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, जिससे हाथों-पैरों में दर्द हो सकता है। विशेष रूप से पैरों में दर्द इस बात का संकेत हो सकता है कि उन्हें पर्याप्त रक्त नहीं मिल रहा है।
पैरों के घाव जो ठीक नहीं होते:
यदि आपके पैरों में कोई छोटा सा कट या घाव है और वह धीरे-धीरे ठीक हो रहा है या बिल्कुल भी ठीक नहीं हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। खराब रक्त संचार के कारण शरीर की खुद को ठीक करने की क्षमता कम हो जाती है। त्वचा के रंग में बदलाव भी हो सकता है, जैसे नीले या बैंगनी धब्बे।
समय पर पहचानें और इलाज करें
यदि आपको अपने हाथों या पैरों में इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपने कोलेस्ट्रॉल स्तर की जांच करवाएँ। समय पर पहचान और उपचार आपको गंभीर बीमारियों से बचा सकता है। आप अपने खान-पान और जीवनशैली में बदलाव करके और डॉक्टर की सलाह मानकर अपने कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकते हैं।