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क्या ऑफिस रोमांस भारत में बढ़ रहा है? जानें दिलचस्प आंकड़े

एक हालिया अध्ययन के अनुसार, भारत ऑफिस रोमांस के मामले में दूसरे स्थान पर है। इस सर्वे में 11 देशों के लोगों को शामिल किया गया था, जिसमें 40 प्रतिशत भारतीय कर्मचारियों ने अपने सहकर्मियों के साथ रिश्ते की पुष्टि की। पुरुषों में यह आंकड़ा 51 प्रतिशत है, जबकि महिलाओं में यह 36 प्रतिशत है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि महिलाएं करियर के प्रति अधिक सतर्क हैं। जानें इस ट्रेंड के पीछे के कारण और सामाजिक सोच में आए बदलाव के बारे में।
 

ऑफिस में रिश्तों का नया ट्रेंड


आजकल की तेज़ और तनावपूर्ण कार्य जीवनशैली में, दफ्तर अब केवल काम करने की जगह नहीं रह गया है। सहकर्मियों के बीच भावनात्मक संबंध बनना आम हो गया है, और कभी-कभी ये संबंध दोस्ती से बढ़कर रोमांटिक रिश्तों में बदल जाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि ऑफिस रोमांस अब वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता प्राप्त कर रहा है, और भारतीय कर्मचारियों ने इस मामले में एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है।


अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण के निष्कर्ष

हाल ही में एश्ले मेडिसल द्वारा किए गए एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में, ऑफिस रोमांस के मामले में भारत को दूसरे स्थान पर रखा गया है। इस सर्वे में 11 देशों के लोगों को शामिल किया गया, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, स्पेन, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।


रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय कर्मचारियों में से 40 प्रतिशत ने बताया कि वे कभी न कभी अपने सहकर्मी के साथ रिश्ते में रहे हैं। मैक्सिको 43 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर है, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में यह आंकड़ा लगभग 30 प्रतिशत है।


पुरुषों और महिलाओं के बीच अंतर

रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि पुरुषों में सहकर्मी को डेट करने की संभावना महिलाओं की तुलना में अधिक है। 51 प्रतिशत पुरुषों ने किसी सहकर्मी के साथ रिश्ते की पुष्टि की, जबकि महिलाओं का आंकड़ा 36 प्रतिशत है।


महिलाओं की करियर के प्रति सतर्कता

महिलाएं ऑफिस रोमांस में शामिल होने से कतराती हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि इससे उनके करियर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। लगभग 29 प्रतिशत महिलाओं ने इस बात की पुष्टि की, जबकि पुरुषों में यह संख्या 27 प्रतिशत है। 18 से 24 वर्ष के युवा कर्मचारी इस मामले में सबसे अधिक सतर्क हैं।


सामाजिक सोच में बदलाव

भारत में ऑफिस रोमांस का बढ़ता चलन केवल रिश्तों में बदलाव का संकेत नहीं है, बल्कि यह सामाजिक सोच में बदलाव को भी दर्शाता है। डेटिंग ऐप Gleeden के सर्वे के अनुसार, 35 प्रतिशत लोग ओपन रिलेशनशिप में हैं, और 41 प्रतिशत लोग इसे अपनाने पर विचार कर रहे हैं।


यह बदलाव केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे शहरों में भी तेजी से बढ़ रहा है। उदाहरण के लिए, कांचीपुरम जैसे शहरों में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स में दिलचस्पी बढ़ रही है।