टॉयलेट जाने की आदतें: जानें कितनी बार जाना है सही
टॉयलेट जाने की आदतें
नई दिल्ली: अधिकांश लोग सुबह उठते ही टॉयलेट की ओर बढ़ते हैं। कुछ लोग दिन में एक बार जाते हैं, जबकि अन्य कई बार जाते हैं। जब आपका पेट हल्का होता है और आंतें साफ होती हैं, तो दिन बेहतर गुजरता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपको दिन में कितनी बार टॉयलेट जाना चाहिए?
स्कैंडिनेवियन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, स्वस्थ व्यक्तियों को सप्ताह में तीन बार से लेकर दिन में तीन बार तक शौच करना सामान्य है। इसका अर्थ है कि हर किसी का शरीर अलग तरीके से कार्य करता है, और यह बदलाव पूरी तरह से सामान्य है। जब तक आपका मल त्याग आरामदायक है, न तो बहुत अधिक जोर से और न ही बहुत ढीला, आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आप सप्ताह में तीन बार से कम या दिन में तीन बार से अधिक शौच नहीं करते हैं, तो आपका पैटर्न सामान्य माना जाएगा।
कितनी बार टॉयलेट जाना सही है?
कई लोग मानते हैं कि रोजाना एक बार जाना अनिवार्य है, लेकिन यह सच नहीं है। यदि आप सप्ताह में तीन बार या दिन में तीन बार भी जाते हैं, तो यह भी सामान्य हो सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपकी दिनचर्या नियमित है। यदि अचानक कोई बड़ा बदलाव होता है, जैसे कि पहले आप रोज जाते थे और अब तीन दिन में केवल एक बार जाते हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि आपके शरीर में कोई समस्या है।
कब्ज कब होता है?
हर व्यक्ति का पाचन तंत्र अलग होता है। यह जरूरी नहीं है कि आप कितनी बार शौच जाते हैं, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि आपकी दिनचर्या स्थिर है या नहीं। यदि आप अचानक बहुत अधिक बार जाने लगते हैं या कुछ असामान्य अनुभव करते हैं, तो उस पर ध्यान दें। यदि आप सप्ताह में तीन बार से कम शौच जाते हैं, मल बहुत कड़ा है या आपको दर्द होता है, तो यह कब्ज हो सकता है। यह तनाव, पानी की कमी, दवाओं या यात्रा के कारण भी हो सकता है।
कैसे रखें पेट को हेल्दी?
कुछ आदतें आपके पेट को साफ करने में मदद कर सकती हैं। फल, सब्जियां, दालें और साबुत अनाज का सेवन करने से मल नरम हो सकता है। दिन में कम से कम आठ गिलास पानी पीने और हल्के व्यायाम जैसे टहलने से आपकी आंतें सक्रिय रह सकती हैं। शौच जाने की इच्छा को नजरअंदाज करना या तनाव में रहना समस्या को और बढ़ा सकता है। थायरॉइड, मधुमेह या आईबीएस जैसी बीमारियां भी मल त्याग को प्रभावित कर सकती हैं।