नोएडा में रिटायर्ड अधिकारी से 1.70 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का मामला
साइबर ठगों ने बुजुर्ग अधिकारी को बनाया शिकार
नोएडा समाचार: नोएडा में एक 80 वर्षीय रिटायर्ड सरकारी अधिकारी ने साइबर ठगों के झांसे में आकर 1.70 करोड़ रुपये खो दिए। ठगों ने खुद को केंद्रीय जांच एजेंसी, मुंबई पुलिस और न्यायालय का अधिकारी बताकर उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का डर दिखाया। धीरे-धीरे उनकी सारी बचत हड़प ली गई। जब शिकायतकर्ता ने मीडिया में इसी तरह की ठगी की खबर पढ़ी, तब उन्हें एहसास हुआ कि वे भी ठगी का शिकार हो चुके हैं।
पीड़ित का परिचय
सेक्टर-62 के निवासी ओमप्रकाश श्रीवास्तव, जो कि इनकम टैक्स विभाग से रिटायर हुए हैं, 9 सितंबर को अपने घर पर थे। तभी उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि उनके मोबाइल नंबर का उपयोग करके लोगों को धमकाया जा रहा है और एक केस दर्ज हो चुका है। जब ओमप्रकाश ने इनकार किया, तो उन्हें एक कथित शिकायत की डिजिटल कॉपी भेजी गई। बताया गया कि मामला मुंबई पुलिस को ट्रांसफर किया जा रहा है।
नरेश गोयल का नाम लेकर ठगी
ठगों ने ओमप्रकाश को बताया कि उनका नाम जेट एयरवेज के सह-संस्थापक नरेश गोयल के साथ एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जुड़ा हुआ है। उन्होंने आधार कार्ड और बैंक विवरण सहित एक फर्जी दस्तावेज भी भेजा, जिसमें 25 लाख रुपये के लेन-देन का दावा किया गया। बुजुर्ग अधिकारी को बताया गया कि उनकी तत्काल गिरफ्तारी हो सकती है। यदि वे मुंबई नहीं जा सकते, तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डिजिटल जांच की जाएगी।
मानसिक दबाव और डिजिटल गिरफ्तारी
ठगों ने ओमप्रकाश को एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा और उसी के माध्यम से उन्हें एक वीडियो कॉल पर कोर्ट की सुनवाई से जोड़ा गया। इस दौरान कथित जज और अधिकारी की आवाज सुनाई दी, लेकिन चेहरा नहीं दिखाया गया। ओमप्रकाश को लगातार यह बताया गया कि वे गंभीर अपराध में फंसे हुए हैं। यदि सहयोग नहीं किया गया, तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्हें किसी से भी इस बारे में बात न करने की सख्त हिदायत दी गई।
ठगी की रकम का विवरण
डरे हुए ओमप्रकाश ने 12 सितंबर को 1.30 करोड़ रुपये और फिर 15 सितंबर को 40 लाख रुपये दो अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उनसे और 20 लाख रुपये की मांग की गई। इसी बीच, उन्होंने मीडिया में साइबर ठगी की खबर पढ़ी जिसमें नरेश गोयल का नाम था। इससे उन्हें शक हुआ और उन्होंने अपने बेटे को पूरे मामले की जानकारी दी। बेटे ने तुरंत साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की कार्रवाई
डीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव ने बताया कि पुलिस ने शिकायत मिलने के तुरंत बाद कार्रवाई शुरू कर दी। ठगी की रकम नोएडा और बेंगलुरु स्थित खातों में ट्रांसफर हुई थी। संबंधित बैंक अधिकारियों से संपर्क कर इन खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।