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सर्दियों में बाजरा: बाबा रामदेव के अनुसार एक सुपरफूड

सर्दियों में बाजरा एक अत्यंत लाभकारी अनाज है, जो शरीर को गर्म रखने और रोगों से बचाने में मदद करता है। बाबा रामदेव के अनुसार, यह सर्दियों का सुपरफूड है, जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इस लेख में जानें कि कैसे बाजरा और रागी का मिश्रण आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है, और एलोवेरा के साथ इसका सेवन कैसे फायदेमंद हो सकता है।
 

बाजरे का महत्व सर्दियों में


सर्दियों के दौरान बाजरा एक अत्यंत लाभकारी अनाज माना जाता है। यह न केवल शरीर को गर्म रखता है, बल्कि ताकत भी बढ़ाता है और विभिन्न रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है। आयुर्वेद में इसे एक ऐसा अनाज बताया गया है जो ठंड के मौसम में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग देसी घी के साथ बाजरे की रोटी को विशेष रूप से पसंद करते हैं, और लहसुन की चटनी के साथ इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।


बाजरे के पोषक तत्व

बाजरा कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिसमें कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, जिंक, और विटामिन बी1, बी2, बी3 और फोलेट शामिल हैं। ये सभी तत्व शरीर के लिए आवश्यक हैं और ऊर्जा प्रदान करते हैं।


बाजरा बनाम गेहूं

हालांकि लोग आमतौर पर गेहूं की रोटी का सेवन करते हैं, आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि गेहूं की रोटी उतनी फायदेमंद नहीं होती। इसके विपरीत, बाजरे का आटा अधिक फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और आंतों की सेहत के लिए लाभकारी है।


बाबा रामदेव की सलाह

बाबा रामदेव के अनुसार, यदि बाजरे के आटे में रागी का आटा मिलाया जाए, तो इसका लाभ दोगुना हो जाता है। उन्होंने बताया कि यह मिश्रण मोटापे और अर्थराइटिस जैसी समस्याओं में सहायक है। रागी और बाजरे की रोटी न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि यह वजन को नियंत्रित करने में भी मदद करती है।


रोगियों के लिए लाभकारी

बाबा रामदेव ने सुझाव दिया कि बाजरा-रागी की रोटी को एलोवेरा, अंकुरित मेथी और कच्ची हल्दी की सब्जी के साथ खाना चाहिए। इसके लिए 200 ग्राम एलोवेरा जेल, 20 ग्राम अंकुरित मेथी और 10 ग्राम कच्ची हल्दी का उपयोग करें। स्वामी रामदेव का कहना है कि यह संयोजन अर्थराइटिस के 99% रोगियों के लिए प्रभावी साबित हुआ है।


एलोवेरा के लाभ

बाबा रामदेव ने एलोवेरा को एक प्राकृतिक औषधि बताया है। उनके अनुसार, यह न केवल शुगर और जोड़ों के दर्द में राहत देता है, बल्कि पेट की समस्याओं में भी मददगार है। प्राचीन काल में भारतीय और मैक्सिकन लोग इसे चिकित्सा के रूप में उपयोग करते थे। उन्होंने यह भी सलाह दी कि हर घर में एलोवेरा और तुलसी के पौधे लगाने चाहिए, क्योंकि ये सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद हैं।