अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मालिक जवाद अहमद सिद्दीकी की कहानी
जवाद अहमद सिद्दीकी का परिचय
नई दिल्ली। हाल ही में दिल्ली में हुए आतंकी हमले में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों का नाम आने के बाद इसके संस्थापक जवाद अहमद सिद्दीकी मीडिया में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना
सिद्दीकी ने 1995 में अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की, जिसमें वह अध्यक्ष हैं। मुफ्ती अब्दुल्ला कासिमी उपाध्यक्ष और मोहम्मद वाजिद सचिव हैं। इसी ट्रस्ट के माध्यम से, उन्होंने 1997 में हरियाणा के फरीदाबाद के मुस्लिम बहुल धौज गांव में एक इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की। इसके बाद, जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के तर्ज पर एक माइनॉरिटी यूनिवर्सिटी बनाने का निर्णय लिया, जो आगे चलकर अल-फलाह यूनिवर्सिटी बनी।
यूनिवर्सिटी का विकास
2014 में हरियाणा विधानसभा ने एक कानून पारित कर अल-फलाह यूनिवर्सिटी को प्राइवेट यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया। इसका आधिकारिक नोटिफिकेशन 2 मई, 2014 को जारी हुआ, और 2015 में UGC ने भी इसे मान्यता प्रदान की।
यूनिवर्सिटी के कॉलेज
यूनिवर्सिटी में चल रहे प्रमुख कॉलेज
अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, ब्राउन हिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, और अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग इसके मुख्य कॉलेज हैं। इसके अलावा, अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर के तहत एक 650 बेड का मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल, अल-फलाह हॉस्पिटल भी है, जो आसपास के जिलों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा है।
सिद्दीकी का व्यवसायिक साम्राज्य
9 कंपनियों के मालिक
सिद्दीकी के पास अल-फलाह यूनिवर्सिटी के अलावा 9 अन्य कंपनियों का भी स्वामित्व है। उनका व्यवसाय शिक्षा के साथ-साथ निवेश, सॉफ्टवेयर, ऊर्जा और निर्यात क्षेत्रों में फैला हुआ है।
इन कंपनियों में से अधिकांश का रजिस्ट्रेशन 274-A, अल-फलाह हाउस, जामिया नगर, ओखला, नई दिल्ली के पते पर किया गया है। यहीं से 78 एकड़ में फैली अल-फलाह यूनिवर्सिटी का संचालन भी किया जा रहा है।