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फेफड़ों की सेहत को सुधारने के उपाय और सावधानियाँ

फेफड़े हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंग हैं, लेकिन धूम्रपान और प्रदूषण से इनकी सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, जीवनशैली में बदलाव, जैसे धूम्रपान छोड़ना, नियमित व्यायाम करना और संतुलित आहार लेना, फेफड़ों की कार्यक्षमता को सुधारने में मदद कर सकता है। इस लेख में हम फेफड़ों की सेहत को बनाए रखने के लिए आवश्यक उपायों और सावधानियों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे आप अपने फेफड़ों को सुरक्षित रख सकते हैं और स्वास्थ्य जांच के महत्व को समझ सकते हैं।
 

फेफड़ों का महत्व और स्वास्थ्य

फेफड़े हमारे शरीर के अत्यंत महत्वपूर्ण अंग हैं, जो हमें निरंतर सांस लेने में सहायता करते हैं। हालांकि, धूम्रपान, वायु प्रदूषण और हानिकारक औद्योगिक तत्वों के कारण इनका स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है।


धूम्रपान और प्रदूषण का प्रभाव

फरीदाबाद के यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. गुरमीत सिंह छब्बड़ा के अनुसार, जन्म के समय फेफड़े स्वस्थ और गुलाबी होते हैं, लेकिन धूम्रपान और प्रदूषण के संपर्क में रहने से इनमें विषैले तत्व जमा हो जाते हैं। इससे क्रॉनिक रेस्पिरेटरी रोग, फेफड़ों का कैंसर और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। धूम्रपान से एयरवेज और एल्वियोली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान कम हो जाता है और सांस लेने में कठिनाई होती है।


वायु प्रदूषण और औद्योगिक जोखिम

गैर-धूम्रपान करने वाले लोग भी प्रदूषण से सुरक्षित नहीं हैं। प्रदूषित क्षेत्रों में रहना प्रतिदिन बीस से तीस सिगरेट पीने के बराबर हो सकता है। वाहनों, फैक्ट्रियों और रसोई गैसों से निकलने वाले विषैले कण फेफड़ों की उम्र को बढ़ाते हैं और COPD तथा कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। औद्योगिक कार्यस्थलों पर एसीबेस्टस, सिलिका और वाष्पशील रसायन भी फेफड़ों को प्रभावित करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन जोखिमों से बचना आवश्यक है।


फेफड़ों की सेहत सुधारने के उपाय

हालांकि कुछ नुकसान स्थायी हो सकते हैं, लेकिन जीवनशैली में बदलाव फायदेमंद हो सकते हैं। डॉ. छब्बड़ा के अनुसार, सबसे पहले धूम्रपान को तुरंत छोड़ना चाहिए। नियमित व्यायाम या तेज चलना फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है और म्यूकस को साफ करता है। इनडोर वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए HEPA एयर प्यूरीफायर और उचित वेंटिलेशन का उपयोग करें। पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार लें, जैसे फल, सब्जियाँ, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, बीटरूट, लहसुन और ग्रीन टी। पर्याप्त पानी पीना और प्राणायाम या योग का अभ्यास करना भी फायदेमंद है।


संक्रमण से बचाव और स्वास्थ्य जांच

इंफेक्शन से बचने के लिए फ्लू और न्यूमोनिया के लिए वैक्सीन लगवाना महत्वपूर्ण है। 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों या धूम्रपान करने वालों को नियमित स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए। प्रारंभिक चरण के फेफड़ों के कैंसर और अन्य बीमारियों का पता लो-डोज सीटी स्कैन से लगाया जा सकता है। गंभीर मामलों में फेफड़ों का प्रत्यारोपण एक विकल्प हो सकता है, लेकिन समय पर पहचान और देखभाल जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा सकती है।


रोकथाम और दैनिक उपाय

डॉ. छब्बड़ा का कहना है कि धूम्रपान और प्रदूषण लगातार नुकसान पहुंचाते हैं। इसके लिए N95 मास्क पहनें, HEPA फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और लकड़ी, कोयला, गोबर या केरोसिन जैसे बायोमास ईंधन से बचें। आहार, व्यायाम और पानी की मात्रा फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। नियमित अभ्यास से सांस लेने में सुधार होता है और जटिलताओं का खतरा कम होता है।