कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री डी वी सदानंद गौड़ा का साइबर ठगी का शिकार होना
साइबर अपराध की चपेट में आए डी वी सदानंद गौड़ा
साइबर क्राइम समाचार: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री डी वी सदानंद गौड़ा साइबर अपराध का शिकार बन गए हैं। हैकरों ने उनके तीन बैंक खातों से एक-एक लाख रुपये चुरा लिए, जिससे कुल 3 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई। यह घटना मंगलवार रात उस समय सामने आई जब गौड़ा अपने फोन पर संदेश देख रहे थे। जिन खातों से पैसे निकाले गए, वे एचडीएफसी, एसबीआई और एक्सिस बैंक के थे। गौड़ा ने साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का निर्णय लिया है।
डिजिटल युग में साइबर अपराधी किसी को भी नहीं छोड़ रहे हैं, और अब कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री डी वी सदानंद गौड़ा भी इसकी चपेट में आ गए हैं। हैकरों ने उनके तीन बैंक खातों से 3 लाख रुपये चुरा लिए। यह घटना मंगलवार रात तब उजागर हुई जब गौड़ा अपने फोन पर संदेश चेक कर रहे थे। यह साइबर ठगी का मामला डिजिटल सुरक्षा के प्रति गंभीर सवाल उठाता है।
साइबर ठगी का खुलासा
मंगलवार रात, जब डी वी सदानंद गौड़ा अपने फोन पर संदेश देख रहे थे, तब उन्हें अपने बैंक खातों में अनधिकृत लेनदेन का पता चला। हैकरों ने उनके एचडीएफसी, एसबीआई और एक्सिस बैंक के खातों से एक-एक लाख रुपये निकाले। ये लेनदेन यूपीआई के माध्यम से किए गए, जो साइबर अपराधियों की तकनीकी दक्षता को दर्शाता है।
हैकरों की चालाकी
हैकरों ने गौड़ा के खातों को निशाना बनाने के लिए यूपीआई का उपयोग किया। प्रत्येक खाते से एक लाख रुपये का ट्रांसफर किया गया, जो एक सुनियोजित साइबर हमले का संकेत है। गौड़ा ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी तब मिली जब फोन पर आए लेनदेन के संदेश ने उनका ध्यान खींचा। यह घटना आम जनता के लिए भी एक चेतावनी है।
कानूनी कार्रवाई की तैयारी
गौड़ा ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज करेंगे। उनका मानना है कि इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए त्वरित और कठोर कार्रवाई आवश्यक है। यह मामला साइबर सुरक्षा की कमजोरियों को उजागर करता है।
साइबर सुरक्षा पर सवाल
यह घटना न केवल गौड़ा के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक सबक है। जब एक पूर्व मुख्यमंत्री जैसी प्रमुख हस्ती साइबर ठगी का शिकार हो सकती है, तो आम नागरिकों का जोखिम और भी बढ़ जाता है। यह आवश्यक है कि लोग डिजिटल लेनदेन में सतर्क रहें और सरकार साइबर सुरक्षा को और मजबूत करे.