गेहूं की नई किस्म HD 3388: 125 दिन में होगी तैयार
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित नई किस्म
Wheat New Variety HD 3388, नई दिल्ली: भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने गेहूं की एक नई उन्नत किस्म एचडी 3388 का विकास किया है, जो गर्मी और बदलते मौसम की स्थितियों में भी उच्च पैदावार देने में सक्षम है। यह किस्म विशेष रूप से सिंचित और समय पर बोई जाने वाली फसलों के लिए उपयुक्त मानी गई है। इसे पूसा यशोधरा भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि इसे पूसा, नई दिल्ली में विकसित किया गया है।
पूर्वी भारत के किसानों के लिए उपयुक्त
यह किस्म विशेष रूप से पूर्वी भारत के किसानों के लिए तैयार की गई है, जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम शामिल हैं। इन क्षेत्रों में अक्सर मौसम में बदलाव फसलों के लिए चुनौती बनता है। एचडी 3388 की सबसे बड़ी विशेषता इसकी गर्मी सहन करने की क्षमता है, जो इसे जलवायु परिवर्तन के दौर में अत्यधिक उपयोगी बनाती है।
2967 से बेहतर प्रदर्शन
इस नई किस्म को गेहूं की वैरायटी 2967 से बेहतर माना गया है, जो समय और देर से बोई जा सकती है। इससे किसानों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता। एचडी 3388 से किसानों को प्रति हेक्टेयर लगभग 52 क्विंटल की औसत उपज मिलती है, जबकि इसकी अधिकतम उत्पादन क्षमता 68 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक जा सकती है। यह किस्म पत्ती रतुआ, धारीदार रतुआ और तना रतुआ जैसे प्रमुख रोगों के खिलाफ भी मजबूत प्रतिरोधक क्षमता रखती है।
मुख्य विशेषताएं
- पैदावार: एचडी 3388 की औसत उत्पादकता 52 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
- परिपक्वता: यह किस्म 125 दिनों में तैयार हो जाती है।
- गर्मी सहन क्षमता: इसमें एचएसआई 0.89 का हीट स्ट्रेस इंडेक्स है।
- गुणवत्ता: इस गेहूं से बनी रोटियों की चपाती की गुणवत्ता बेहतरीन है।
किसानों के लिए लाभ
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि एचडी 3388 किस्म किसानों को कम समय में अधिक उत्पादन देकर सफल साबित होती है। यह गर्मी से होने वाले नुकसान को कम करती है और रोटियों की गुणवत्ता के कारण बाजार में अच्छा दाम भी दिला सकती है।
बीज खरीदने के स्थान
आप एचडी 3388 का बीज नई दिल्ली स्थित पूसा से खरीद सकते हैं। इसके अलावा, सरकारी ऑनलाइन बाजार एनएससी पर भी ऑर्डर कर इसे घर बैठे मंगा सकते हैं। प्रमाणित बीज दुकानों पर भी इस वैरायटी का बीज उपलब्ध है।