सात साल बाद रक्षाबंधन पर इस बार भद्रा नहीं, दिन भर राखी बांध सकेंगी बहनें
चतरा, 7 अगस्त (हि.स.)। भाई-बहनों के प्रेम और स्नेेह का पवित्र त्योहार रंक्षा बंधन इस बार नौ अगस्त को मनाया जाएगा।
इस साल का रक्षाबंधन कई मायनों में खास होगा। इस बार कई उत्तम संयोग बन रहे हैं। 29 साल बाद समसप्तक योग बन रहा है। सात साल बाद ऐसा हो रहा है कि रक्षाबंधन पर भद्रा का प्रभाव नहीं रहेगा। बहनें दिन भर भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। इसके अलावा विशिष्ट मुहूर्त और 10 फलदायी योग भी बन रहे हैं। चतरा के जन्मकुंडली, वास्तु और कर्मकाण्ड परामर्श के विशेषज्ञ आचार्य पंडित चेतन पाण्डेय ने बताया कि भद्रा का उदय सावन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी आठ अगस्त को दोपहर 1:41 बजे से होगा जो कि रात 1:32 बजे तक रहेगा। जबकि पूर्णिमा तिथि आठ अगस्त को दोपहर में 1:42 बजे प्रवेश कर रहा है। यह अगले दिन नौ अगस्त की दोपहर 1:23 बजे तक रहेगी। ऐसे में रक्षाबंधन का पर्व उदया तिथि यानी 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा का कोई भी प्रभाव नहीं है। आचार्य ने कहा कि कई साल बाद रक्षाबंधन पर पंचक भी बाधक नहीं बनेगा।
उन्होंने बताया कि वर्षों बाद ऐसा संयोग आया है जब रक्षाबंधन और श्रावणी उपाकर्म के दिन भद्रा और पंचक का कोई भी प्रभाव नहीं है। उन्होंने बताया कि मकर राशि के स्वामी शनि और सूर्य आपस में समसप्तक योग बना रहे हैं। 29 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि रक्षाबंधन पर शनि मीन राशि और सूर्य कर्क राशि में रहेंगे। इस पर्व पर आयुष्मान, स्थिर, सौभाग्य, बुधादित्य, हर्ष विपरीत राज, पाराशरी राज, विमल विपरीत राज और धन योग बन रहे हैं जो काफी फलदायी हैं।
ये है शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5.29 से 6.05 बजे तक, सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 6.06 से 8:20 बजे, विजय मुहूर्त सुबह 10:47 से मध्याह्न 11:58 बजे तक, अभिजीत मुहूर्त मध्याह्न 11.59 से दोपहर 12.53 बजे तक रहेगा। आचार्य ने बताया कि नौ अगस्त दिन शनिवार को उदया तिथि के अनुसार पूर्णिमा तिथि का मान दिन भर होगा।
शनि और मंगल होंगे आमने-सामने
शनि और मंगल के आमने-सामने आने से नौ पंचम योग बन रहे हैं। शनि मीन राशि में भोग करेंगे। मंगल सिंह राशि छोड़कर कन्या राशि में जाएंगे। इससे भाई-बहन के संबंध मधुर होंगे और उनके जीवन की बाधाएं दूर होंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / जितेन्द्र तिवारी