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अमेरिकी आर्थिक शटडाउन का वैश्विक प्रभाव: डॉलर और वॉल स्ट्रीट में गिरावट

अमेरिका में चल रहे आर्थिक शटडाउन का प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। डॉलर इंडेक्स में गिरावट और वॉल स्ट्रीट में उतार-चढ़ाव जारी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शटडाउन के जल्द समाप्त होने की उम्मीद जताई है, जिससे सरकारी कामकाज फिर से शुरू हो सकेगा। यदि यह शटडाउन लंबा चला, तो अमेरिकी जीडीपी ग्रोथ में कमी आ सकती है। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
 

डॉलर इंडेक्स में गिरावट और वॉल स्ट्रीट में उतार-चढ़ाव


अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव


अमेरिका, जो कि विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, में हाल के दिनों में नकारात्मकता बढ़ती जा रही है। लगभग 45 दिनों से चल रहे आर्थिक शटडाउन के कारण सरकारी कार्य ठप हो गए हैं। हजारों सरकारी कर्मचारी बिना वेतन घर पर हैं, जिससे कामकाज पूरी तरह से प्रभावित हुआ है।


इस आर्थिक शटडाउन का असर अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। कांग्रेस में बजट को लेकर गतिरोध जारी है, जिसका सीधा प्रभाव सरकारी सेवाओं, कर्मचारियों और वित्तीय बाजारों पर पड़ रहा है। डॉलर इंडेक्स में गिरावट और वॉल स्ट्रीट में उतार-चढ़ाव जारी है। यदि यह शटडाउन जल्द समाप्त नहीं हुआ, तो अमेरिकी जीडीपी ग्रोथ 0.4% तक घट सकती है, जिससे वैश्विक मंदी की संभावनाएं भी बढ़ सकती हैं।


डोनाल्ड ट्रंप का बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आर्थिक शटडाउन के जल्द समाप्त होने की उम्मीद जताई है। इससे सरकारी कामकाज फिर से शुरू हो सकेगा और लाखों कर्मचारियों को राहत मिलेगी। यदि सब कुछ सही रहा, तो यह समझौता अमेरिकी इतिहास के सबसे लंबे शटडाउन को समाप्त करेगा और जनवरी तक सरकार को अस्थायी रूप से फंडिंग प्रदान करेगा।


रविवार रात को हुई इस डील में सीनेट मेजॉरिटी लीडर जॉन थ्यून, व्हाइट हाउस के प्रतिनिधि, और तीन पूर्व गवर्नर शामिल थे। ट्रंप ने कहा कि सरकार का शटडाउन खत्म होने के करीब है और व्हाइट हाउस और सीनेट नेताओं के बीच समझौता लगभग तय हो गया है।


ट्रंप का संवाददाता सम्मेलन

ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसा लगता है कि शटडाउन के अंत के बहुत करीब हैं। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेट्स अब समझ चुके हैं कि सरकार का शटडाउन जल्द खत्म होगा। रिपोर्ट के अनुसार, आठ डेमोक्रेटिक सीनेटरों ने रिपब्लिकन नेताओं और व्हाइट हाउस के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत सरकार को फिर से खोलने और कुछ प्रमुख एजेंसियों को फंडिंग देने पर सहमति बनी है।


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