×

करनाल में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली में समस्याएं, नागरिकों को हो रही कठिनाई

करनाल में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली ने नागरिकों के लिए नई चुनौतियाँ पेश की हैं। प्रॉपर्टी आईडी दर्ज करने के बावजूद पोर्टल गलत लोकेशन दिखा रहा है, जिससे रजिस्ट्री प्रक्रिया में बाधा आ रही है। दस्तावेज अपलोड करने के बाद भी टोकन नहीं मिल रहा है, और इससे नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जानें इस मुद्दे के बारे में और अधिक जानकारी और समाधान की उम्मीदें।
 

करनाल में पेपरलेस रजिस्ट्री की चुनौतियाँ

करनाल (Karnal News)। पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली ने लोगों के लिए सरलता के बजाय कठिनाई पैदा कर दी है। प्रॉपर्टी आईडी नंबर दर्ज करने के बावजूद, पोर्टल गलत स्थान दिखा रहा है। इस कारण दस्तावेज अपलोड करने के बाद भी रजिस्ट्री के लिए टोकन नहीं मिल रहा है। यह समस्या विशेष रूप से सेक्टर और निजी टाउनशिप की रजिस्ट्री में अधिक देखी जा रही है। पोर्टल की तकनीकी खामियों के चलते इन क्षेत्रों की रजिस्ट्री में बाधा उत्पन्न हो रही है, जिससे लोग परेशान हैं।


करनाल में पोर्टल की गलत लोकेशन समस्या


पेपरलेस रजिस्ट्री के पोर्टल में ऐसी खामियाँ हैं कि यह शहर की भौगोलिक स्थिति को समझने में असमर्थ है। जब प्रॉपर्टी आईडी दर्ज की जाती है, तो पोर्टल उससे चार कॉलोनियों दूर की लोकेशन दिखाता है।


इससे कॉलोनी और क्षेत्र का नाम और नंबर भिन्न होने के कारण पोर्टल पर टोकन नहीं कटता। बिना सेक्टरों के क्षेत्रों में दस्तावेजों की कमी के कारण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ती। कुछ पुरानी रजिस्ट्री में नंबर गलत होते हैं, जबकि कुछ में पुराने वारिसों की रिपोर्ट में समस्याएँ आती हैं।


हालांकि, नए पोर्टल के लॉन्च के 12 दिन बाद स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। पहले जहां दिन में एक या दो रजिस्ट्री होती थीं, वहीं बुधवार को नौ रजिस्ट्री हुईं। तहसील के कर्मचारियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में स्थिति और बेहतर होगी, क्योंकि पोर्टल को अपडेट करने का कार्य जारी है। अब तक जिले में नए पोर्टल से लगभग 42 रजिस्ट्री हो चुकी हैं।


नायब तहसीलदार करनाल, राजेश खुराना ने बताया कि पोर्टल को निदेशालय स्तर पर अपडेट किया जा रहा है। पहले से काफी सुधार आया है। बुधवार को करनाल तहसील में नौ रजिस्ट्री हुई हैं। कुछ रजिस्ट्री में लोकेशन और प्रॉपर्टी आईडी से संबंधित समस्याएँ हैं, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही इनका समाधान हो जाएगा।


रजिस्ट्री में आ रही समस्याएँ


रजिस्ट्री आवेदन करते समय कई लोग प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ देते हैं, जिससे फाइलें रिजेक्ट हो रही हैं।


ऑनलाइन पंजीकरण के बाद उपभोक्ता अपॉइंटमेंट स्लॉट बुक करने में भी देरी कर रहे हैं।


जब लोग फाइल को ऑनलाइन सबमिट करते हैं, तो अधूरे दस्तावेज पाए जा रहे हैं।


अधिकतर समस्याओं में आधार कार्ड और नगर निगम की प्रॉपर्टी आईडी की कमी देखी जा रही है।


30 करोड़ रुपये का राजस्व अटका


पेपरलेस व्यवस्था में लोगों के कागजी कार्यों में उलझने के कारण पुरानी व्यवस्था की तुलना में केवल एक प्रतिशत रजिस्ट्री हो पा रही हैं। इससे जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, और सरकार को पिछले 12 दिनों में लगभग 30 करोड़ रुपये का राजस्व भी अटका है।


प्रदेश सरकार ने पहली नवंबर को पेपरलेस रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू की थी। तब से रजिस्ट्री की संख्या बहुत कम हो गई है। पहले पूरे जिले में रोजाना 250 रजिस्ट्री होती थीं, लेकिन नए पोर्टल की तकनीकी समस्याओं के कारण अब टोकन भी नहीं कट पा रहे हैं।