गबार्ड का ओबामा प्रशासन पर गंभीर आरोप: 2016 चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की जानकारी छिपाई
गबार्ड का सनसनीखेज दावा
राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने शुक्रवार, 18 जुलाई को एक नई रिपोर्ट में यह आरोप लगाया कि ओबामा प्रशासन के कई अधिकारियों ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप से संबंधित महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी को जानबूझकर छिपाया और उसमें हेरफेर किया। गबार्ड ने इन अधिकारियों पर 'देशद्रोही साजिश' में शामिल होने का आरोप लगाते हुए आपराधिक जांच की मांग की है।
ओबामा प्रशासन पर झूठ का आरोप
गबार्ड के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का प्रशासन 2016 में डोनाल्ड ट्रम्प की पहली चुनावी जीत से पहले और बाद में जानता था कि रूस ने साइबर हमलों के माध्यम से चुनाव परिणामों को प्रभावित नहीं किया था।
साजिश में शामिल लोगों की जांच की मांग
उन्होंने कहा, 'इस साजिश में शामिल हर व्यक्ति, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, उसकी पूरी तरह से जांच होनी चाहिए और कानून के तहत अभियोजन होना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसा न हो।' गबार्ड ने यह भी कहा कि सभी संबंधित दस्तावेज न्याय विभाग को सौंपे जाएंगे, ताकि 'राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, उनके परिवार और अमेरिकी जनता को वह जवाबदेही मिले, जिसके वे हकदार हैं।'
खुफिया समुदाय का आकलन
गबार्ड की रिपोर्ट में पूर्व राष्ट्रीय खुफिया निदेशक जेम्स क्लैपर, पूर्व सीआईए निदेशक जॉन ब्रेनन और पूर्व एफबीआई निदेशक जेम्स कोमी जैसे कई अधिकारियों के नाम शामिल हैं। 12 सितंबर, 2016 के एक दस्तावेज में खुफिया समुदाय के आकलन का उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया था, 'विदेशी विरोधियों के पास चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए आवश्यक साइबर हमलों को सफलतापूर्वक अंजाम देने की क्षमता नहीं है।'
देशद्रोह की परिभाषा
अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद III, धारा 3 और 18 यूएससी § 2381 के तहत देशद्रोह की परिभाषा दी गई है। कोई व्यक्ति तब देशद्रोह का दोषी हो सकता है, जब वह अमेरिका के खिलाफ युद्ध छेड़े या इसके शत्रुओं का साथ दे। इसके लिए ठोस कार्य और देश के प्रति विश्वासघात का स्पष्ट इरादा आवश्यक है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
रिपब्लिकन सांसद जिम हाइम्स ने गबार्ड पर 'दशक पुराने झूठे दावों को दोहराने' का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'देशद्रोह के आधारहीन आरोप इस राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के लिए आम बात हो सकती है, लेकिन यह उन्हें कम हानिकारक या अस्वीकार्य नहीं बनाता।'