गीता महोत्सव 2025: ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया से बढ़ी शिल्पकारों की भागीदारी
कुरुक्षेत्र में गीता महोत्सव 2025 का आयोजन
कुरुक्षेत्र (गीता महोत्सव 2025)। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव न केवल कला, संस्कृति और अध्यात्म का संगम है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी साकार करने में मदद कर रहा है। पहले मेले में स्टॉल मुफ्त में दिए जाते थे, लेकिन हाल के वर्षों में स्टॉल के लिए शुल्क निर्धारित किया गया है। इससे केडीबी हर साल लाखों रुपये जुटाने में सफल हो रहा है।
गीता महोत्सव 2025: केडीबी को मिले 987 आवेदन
इस बदलाव से महोत्सव की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और शिल्पकारों तथा कलाकारों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं। शिल्प कला और मनोरंजन के क्षेत्र में भी काफी विस्तार हुआ है। स्टॉल आवंटन के लिए केडीबी ने ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई है, जिसके तहत 987 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 273 को अस्वीकार कर दिया गया है।
स्टॉल शुल्क का निर्धारण
केडीबी के सीईओ के अनुसार, ब्रह्मसरोवर की सदरियों में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र पटियाला के लिए 200 स्टॉल, खादी के लिए 21 और नाबाड के लिए 10 स्टॉल आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा, 80 सामाजिक संस्थाओं को भी मुफ्त में स्टॉल आवंटित किए गए हैं। खान-पान के लिए 88 आवेदनों में से 25 को स्टॉल आवंटित किए गए हैं, जिनका शुल्क 30,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक है।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
पंकज सेतिया, बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ने बताया कि महोत्सव में विभिन्न राज्यों से शिल्पकारों ने ऑनलाइन आवेदन किया। इस बार शिल्पकारों की सुविधा के लिए केडीबी ने स्टॉल आवंटन के लिए एक पोर्टल विकसित किया है। सभी आवेदकों ने ऑनलाइन आवेदन किया और परिणाम भी ऑनलाइन ही जारी किए गए। आवेदकों ने ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से स्टॉल का शुल्क भी जमा किया।