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ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में छात्रा की आत्महत्या: परिवार ने न्याय की मांग की

ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में एक 20 वर्षीय बीडीएस छात्रा ने आत्महत्या कर ली, जिसके बाद उसके परिवार ने न्याय की मांग की है। परिवार का आरोप है कि छात्रा पर एक प्रोफेसर ने फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था, जिससे वह मानसिक दबाव में थी। छात्रा की मां ने विश्वविद्यालय परिसर में अनशन किया है, जबकि पुलिस ने FIR दर्ज की है। जानें इस मामले में क्या हो रहा है और विश्वविद्यालय प्रशासन का क्या कहना है।
 

शारदा यूनिवर्सिटी में आत्महत्या की घटना

ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी में एक 20 वर्षीय बीडीएस छात्रा ने 18 जुलाई को अपने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली। पुलिस को घटना की जानकारी मिलते ही वे तुरंत मौके पर पहुंचे और शव का पोस्टमॉर्टम कराया। अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और सभी पहलुओं की गहनता से जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।


परिवार की न्याय की मांग

छात्रा के परिवार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और न्याय की मांग की है। उन्होंने पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन से सहयोग की अपेक्षा की है। शारदा यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस जांच में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है। प्रशासन ने छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक कदम उठाने का वादा किया है।


कैंपस में शांति और व्यवस्था

घटना के बाद विश्वविद्यालय परिसर में शांति और व्यवस्था बनी हुई है। प्रशासन और पुलिस मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी छात्र सुरक्षित और आरामदायक माहौल में पढ़ाई कर सकें। पुलिस इस मामले की पूरी जांच कर रही है ताकि घटनाक्रम की सही जानकारी सामने आ सके।


छात्रा के भाई का बयान

मृत छात्रा के भाई ने एक मीडिया चैनल से कहा कि यह घटना लगभग एक सप्ताह पहले शुरू हुई, जब एक प्रोफेसर ने उनकी बहन पर असाइनमेंट और लैब वर्क में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया। उन्होंने बताया, "हमारे पिता ने सोमवार को यूनिवर्सिटी जाकर प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष से बात की। गुरुवार सुबह पिता ने मेरी बहन से भी बात की। इसके बाद हमारी बहन से कोई संपर्क नहीं हुआ। बाद में उसके सहपाठियों ने बताया कि उसे कक्षा में अपमानित किया गया। शिक्षकों ने कहा कि वह फर्जीवाड़े में माहिर है और उसे फेल करने की धमकी दी।"


मानसिक दबाव का असर

भाई के अनुसार, लगातार मानसिक दबाव के कारण उनकी बहन ने यह कदम उठाया। उन्होंने यह भी कहा कि जब परिवार ने न्याय की मांग की, तो पुलिस ने परिवार पर लाठीचार्ज किया।


मां का अनशन

मृत छात्रा की मां, सुनीता, ने गुरुवार रात से यूनिवर्सिटी के कैंपस में बैठकर न्याय की मांग की। उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी को बुलाना चाहती हूं। मैं रात 9 बजे से यहीं बैठी हूं और तब तक नहीं उठूंगी जब तक मेरी बेटी को न्याय नहीं मिलता।"


पुलिस पर आरोप

सुनीता ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने दुखी परिवार और छात्रों पर बल प्रयोग किया। उन्होंने कहा, "सभी बीडीएस छात्र अब डर गए हैं और घर जाना चाहते हैं।"


FIR दर्ज

परिवार की शिकायत पर पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज की है। ग्रेटर नोएडा के ADCP सुदीर कुमार ने कहा, "FIR में पांच लोगों के नाम हैं, जिनमें से दो को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। हमने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया है कि वे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम लागू करें।"


शांतिपूर्ण प्रदर्शन

आत्महत्या की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में छात्र यूनिवर्सिटी के बाहर एकत्रित होकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने लगे। परिवार ने संस्थागत उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए जवाबदेही की मांग की। पुलिस ने परिवार और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच बैठक करवाई। ADCP कुमार ने कहा, "स्थिति अब नियंत्रण में है और आगे जांच जारी है।"