ग्रेटर नोएडा में छात्रा की आत्महत्या: प्रशासन पर सवाल उठे
ग्रेटर नोएडा आत्महत्या मामला
ग्रेटर नोएडा आत्महत्या मामला: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा विश्वविद्यालय की एक 21 वर्षीय छात्रा ने अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना 18 जुलाई को हुई। ज्योति शर्मा ने इंग्लिश में एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी मौत के लिए PCP और डेंटल मेडिकल के शिक्षक जिम्मेदार हैं। उन्होंने लिखा, "मैं चाहती हूं कि वे जेल जाएं। उन्होंने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और अपमानित किया। मैं लंबे समय से डिप्रेशन में हूं। मुझे खेद है, मैं अब और नहीं जी सकती।"
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एडीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि जैसे ही सूचना मिली, पुलिस मौके पर पहुंची और छात्रा के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। प्रारंभिक जांच और छात्रा के परिजनों की तहरीर के आधार पर आत्महत्या के मामले में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने दो संदिग्ध व्यक्तियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
विश्वविद्यालय परिसर में तनाव
इस घटना के बाद विश्वविद्यालय परिसर में तनाव उत्पन्न हो गया। कई छात्रों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और घटना पर सवाल उठाए, साथ ही सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी व्यवस्थाओं पर रोष व्यक्त किया। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेता और मानसिक सहयोग नहीं प्रदान करता।
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई
हालांकि, मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रों को समझा-बुझाकर शांत किया और शांति व्यवस्था बनाए रखने में सफलता प्राप्त की। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि छात्रा की आत्महत्या के कारणों की निष्पक्ष जांच की जाएगी और यदि किसी की लापरवाही या जिम्मेदारी पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जांच जारी
फिलहाल, मामले में जांच जारी है और पुलिस छात्रा के मोबाइल फोन, निजी डायरी और हॉस्टल के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही है। इसके साथ ही, छात्रा के सहपाठियों और मित्रों से भी पूछताछ की जा रही है।