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चंडीगढ़ में आवारा कुत्तों की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश

चंडीगढ़ में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत, सभी शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों पर आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए उचित बाड़ लगाने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही, स्थानीय स्व-सरकारी संस्थाओं को आवारा कुत्तों को हटाने और उन्हें आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जानें इस आदेश का चंडीगढ़ के निवासियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
 

सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश


चंडीगढ़ समाचार: फेडरेशन ऑफ सेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन चंडीगढ़ (FOSWAC) के सलाहकार कमलजीत सिंह पंछी ने देशभर में कुत्तों के काटने की घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय के हालिया आदेश का स्वागत किया है। न्यायालय ने निर्देश दिया है कि सभी शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, सार्वजनिक खेल परिसरों, बस स्टैंडों, डिपो और रेलवे स्टेशनों पर आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए उचित बाड़ लगाई जाए। स्थानीय स्व-सरकारी संस्थाओं को ऐसे क्षेत्रों से आवारा कुत्तों को हटाने और उचित नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन्हें निर्दिष्ट आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।


इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से आवारा मवेशियों और अन्य जानवरों को तुरंत हटाने और उन्हें गोशालाओं या पशु आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया गया है कि वे इन निर्देशों का जल्द से जल्द पालन सुनिश्चित करें, अधिमानतः आदेश की तारीख से आठ सप्ताह के भीतर।


श्री पंछी ने चंडीगढ़ प्रशासन के मुख्य सचिव से अनुरोध किया कि वे प्रशासन के संबंधित विभागों और चंडीगढ़ नगर निगम को न्यायालय के आदेशों के शीघ्र कार्यान्वयन हेतु आवश्यक निर्देश जारी करें। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने आवारा कुत्तों के हमलों और आवारा पशुओं के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से उत्पन्न जन सुरक्षा चिंताओं को सही ढंग से संबोधित किया है। समय पर और प्रभावी कार्रवाई से चंडीगढ़ के निवासियों को राहत मिलेगी। श्री पंछी ने यह भी कहा कि आवारा कुत्तों के काटने का खतरा केवल जन स्वास्थ्य का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह मानव सुरक्षा और नागरिक जिम्मेदारी का एक गंभीर मामला है।