चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ती सैन्य सहयोग की तस्वीरें
चीन की प्राथमिकता: पाकिस्तान के साथ संबंध
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के जवाब में, चीन ने भारत के साथ दोस्ती का दिखावा करते हुए पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया है। यह स्पष्ट है कि इस समय चीन की प्राथमिकता पाकिस्तान पर केंद्रित है। पूरी दुनिया देख रही है कि टैरिफ के बीच, चीन भारत को मैनेज करने की कोशिश कर रहा है, और भारत भी इसी दिशा में कदम बढ़ा रहा है। दोस्ती की ओर बढ़ना कठिन हो गया है, खासकर जब कुछ असामान्य तस्वीरें सामने आ रही हैं। मई में भारत द्वारा हर मोर्चे पर मुंहतोड़ जवाब मिलने के बाद, पाकिस्तान अपने रक्षा उपकरणों को तेजी से अपग्रेड करने में जुटा हुआ है।
चीन का समर्थन: पाकिस्तान के सैन्य सपनों का सच
पाकिस्तान के इस सपने को साकार करने में चीन पूरी तरह से सहयोग कर रहा है। यह एक ऐसा देश है, जिसकी हथियारों की गुणवत्ता पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं, फिर भी वह पाकिस्तान को लगातार हथियार बेच रहा है। कुछ उपकरण उधार दिए जा रहे हैं, जबकि कुछ के लिए पैसे लिए जा रहे हैं। हर साल, पाकिस्तान चीन से नई तकनीक के उपकरण आयात कर रहा है, लेकिन कई बार ये उपकरण उसके काम नहीं आ रहे हैं।
जरदारी का चीन दौरा: सैन्य सहयोग की नई दिशा
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हाल ही में चीन का दौरा किया, जहां उन्हें एक गुप्त सैन्य परिसर का दौरा कराया गया। इस दौरान उन्होंने संयुक्त रक्षा उत्पादन बढ़ाने की बात की। जरदारी इस विशाल परिसर का दौरा करने वाले पहले विदेशी नेता हैं। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, उन्होंने 'एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना' (एवीआईसी) का दौरा किया, जहां उन्हें उन्नत सैन्य उपकरणों के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें नए लड़ाकू विमान शामिल थे।
चीन के साथ मजबूत रक्षा सहयोग
जरदारी के कार्यालय ने इस्लामाबाद में एक बयान में कहा कि उन्हें एवीआईसी की उन्नत क्षमताओं के बारे में बताया गया, जिसमें जे-10 लड़ाकू विमान और जेएफ-17 थंडर शामिल हैं। चीन की 10 दिवसीय यात्रा के दौरान, उन्हें मानव रहित हवाई वाहनों और स्वचालित इकाइयों के बारे में भी जानकारी दी गई। हालांकि, चीन के विदेश मंत्रालय ने इस दौरे को अधिक महत्व नहीं दिया, बल्कि वैश्विक सुरक्षा सहयोग (जीएसआई) के प्रति अपने समर्थन की बात की।