चीन का इजरायल के खिलाफ नया षड़यंत्र: नेतन्याहू ने दी चेतावनी
चीन का इजरायल पर दबाव
भारत और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कई नैरेटिव वॉर चलाने वाला चीन अब इजरायल पर भी दबाव बनाने लगा है। जहां पीएम मोदी के खिलाफ चीन का एजेंडा हमेशा असफल रहा है, वहीं अब वह बेंजामिन नेतन्याहू को सत्ता से हटाने की कोशिशों में जुटा है। चीन ने भारत के पड़ोसी देशों को भड़काकर उसे अस्थिर करने की जो रणनीति अपनाई थी, अब वही इजरायल के खिलाफ भी शुरू कर दी है।
चीन इजरायल के पड़ोसी देशों में अपनी पैठ बना रहा है, और इस षड़यंत्र में कतर और ईरान जैसे देश भी शामिल हैं। हालांकि, जिस तरह पीएम मोदी ने अपने खिलाफ चलने वाले एजेंडे को नाकाम किया, उसी तरह नेतन्याहू भी अब चीन को खुली चुनौती दे रहे हैं।
नेतन्याहू की चेतावनी
नेतन्याहू ने पहली बार चीन को स्पष्ट चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि वह मुक्त बाजार के समर्थक हैं, लेकिन यदि स्थिति ऐसी बनी तो इजरायल का हथियार उद्योग प्रभावित हो सकता है। उन्हें अपने हथियार उद्योग को विकसित करने की आवश्यकता है, जिसमें न केवल अनुसंधान और विकास शामिल है, बल्कि आवश्यक वस्तुओं का निर्माण भी शामिल है।
उन्होंने यूरोप में मुस्लिम प्रवासियों के इजरायल विरोधी रुख को बढ़ावा देने के लिए कतर और चीन पर आरोप लगाया।
चीन और कतर का इजरायल पर हमला
यरुशलम में विदेश मंत्रालय में 250 अमेरिकी राज्य विधायकों को संबोधित करते हुए, नेतन्याहू ने चीन और कतर पर इजरायल को घेरने के लिए पश्चिमी मीडिया में सहयोगियों का समर्थन कम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक चीन है और दूसरा कतर, जो मिलकर इजरायल पर हमले की योजना बना रहे हैं।
नेतन्याहू ने कहा कि हमें इस चुनौती का सामना करना होगा और हम अपने तरीके से इसका मुकाबला करेंगे।
चीन का इजरायल के खिलाफ अभियान
आपने देखा होगा कि पीएम मोदी के खिलाफ कई तरह के हथकंडे अपनाए गए हैं, जैसे किसान आंदोलन को भड़काना और सीएए के खिलाफ अभियान चलाना। अब इजरायल के खिलाफ भी इसी तरह का अभियान चलाया जा रहा है। मीडिया और सोशल मीडिया का उपयोग कर इजरायल के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है।
कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में इजरायल के खिलाफ नारेबाजी हो रही है, और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर निगेटिव खबरें तेजी से फैल रही हैं।