चीन की प्रतिक्रिया: अमेरिका द्वारा टीआरएफ को आतंकवादी घोषित करने पर सतर्कता
चीन ने अमेरिका द्वारा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को आतंकवादी घोषित करने के निर्णय पर सतर्क प्रतिक्रिया दी है। बीजिंग ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया है। टीआरएफ ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें कई लोग मारे गए थे। अमेरिका ने इसे विदेशी आतंकवादी संगठन के रूप में वर्गीकृत किया है। इस निर्णय का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर भी प्रभाव पड़ सकता है। भारत ने इस हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया।
Jul 19, 2025, 13:52 IST
चीन की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक प्रतिनिधि और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को आतंकवादी घोषित करने के अमेरिका के निर्णय पर चीन ने सतर्कता दिखाई है। बीजिंग ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अधिक क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है और 22 अप्रैल के हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने क्षेत्रीय देशों से आतंकवाद-रोधी सहयोग बढ़ाने और सुरक्षा एवं स्थिरता को बनाए रखने का आह्वान किया।
टीआरएफ की जिम्मेदारी
टीआरएफ ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें कई लोग मारे गए थे। अमेरिका ने टीआरएफ को विदेशी आतंकवादी संगठन और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) के रूप में वर्गीकृत किया है। यह कार्रवाई आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 219 और शासकीय आदेश 13224 के तहत की गई है। विदेश मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा की स्थिति की भी समीक्षा की है और उसे बरकरार रखा है। यह कदम अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर प्रभाव
अमेरिका के इस निर्णय का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर भी प्रभाव पड़ सकता है, विशेषकर आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने वाली 1267 समिति में। हालांकि, 25 अप्रैल को पहलगाम हमले की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान में टीआरएफ और लश्कर-ए-तैयबा का विशेष उल्लेख नहीं किया गया, जो चीन और पाकिस्तान की आपत्तियों के कारण हुआ। कई पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन पहले से ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 व्यवस्था के तहत प्रतिबंधित हैं।
भारत की प्रतिक्रिया
टीआरएफ ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, लेकिन बाद में उसने अपना दावा वापस ले लिया। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि टीआरएफ, लश्कर-ए-तैयबा का एक छद्म संगठन है, जिसका उपयोग सीमा पार आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका को छिपाने के लिए किया जाता है। पहलगाम हमले के जवाब में, भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया।