छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में नया मोड़: भूपेश बघेल के बेटे की गिरफ्तारी
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का नया खुलासा
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की चर्चा फिर से तेज हो गई है, और अब इसके संबंध ग्रेटर नोएडा से भी जुड़े हैं। रिपोर्टों के अनुसार, इस घोटाले में उपयोग किए गए होलोग्राम बनाने वाली कंपनी ग्रेटर नोएडा में स्थित है, जिसने असली और नकली दोनों प्रकार के होलोग्राम तैयार किए। इन होलोग्राम्स का उपयोग अवैध शराब की बिक्री में किया गया था।
लगभग दो साल पहले कासना कोतवाली में इस मामले में छत्तीसगढ़ के विशेष सचिव और अन्य अधिकारियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामला दर्ज किया था। जांच में यह सामने आया कि ग्रेटर नोएडा की 'मैसर्स प्रिज्म फोटोग्राफी सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड' नामक कंपनी ने असली और नकली होलोग्राम बनाए, जिन्हें शराब की बोतलों पर चिपका कर अवैध बिक्री की जाती थी।
ईडी ने इस मामले में कई प्रमुख व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिनमें छत्तीसगढ़ के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, एक्साइज कमिश्नर निरंजन दस और अन्य अधिकारियों का नाम शामिल है। इनमें से विधु गुप्ता को नोएडा एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था।
भूपेश बघेल के बेटे की गिरफ्तारी
ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को किया गिरफ्तार
हाल ही में, ईडी ने शराब घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया है। ईडी ने उनके भिलाई स्थित निवास पर छापेमारी के बाद उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत हिरासत में लिया और रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें पांच दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है।
घोटाले की गंभीरता
कितना बड़ा है ये घोटाला?
यह शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच का है, जब भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार थी। ईडी के अनुसार, शराब की अवैध बिक्री से प्राप्त कथित कमीशन को राज्य के उच्चतम राजनीतिक अधिकारियों के निर्देशों के तहत बांटा गया था। अब तक, ईडी ने इस मामले में लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
यह घोटाला अब राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है, और इसके कारण राज्य की कांग्रेस सरकार की स्थिति कमजोर हो सकती है।