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जींद में राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा और भारत मुक्ति मोर्चा का प्रदर्शन

जींद में राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा और भारत मुक्ति मोर्चा ने बुधवार को एक प्रदर्शन आयोजित किया, जिसमें उन्होंने नागरिक अधिकारों की रक्षा और चुनाव प्रक्रिया में सुधार की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने बेरोजगारी, धार्मिक भेदभाव और अन्य मुद्दों पर चिंता जताई। उन्होंने सीटीएम को ज्ञापन सौंपा, जिसमें बैलट पेपर से चुनाव कराने और ओबीसी की जनगणना की मांग की गई। जानें इस प्रदर्शन के बारे में और क्या-क्या मांगे गईं।
 

प्रदर्शन का उद्देश्य और मांगें


जींद में, राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा और भारत मुक्ति मोर्चा ने बुधवार को अपनी मांगों को लेकर एक प्रदर्शन आयोजित किया। कार्यकर्ताओं ने लघु सचिवालय पहुंचकर सीटीएम मोनिका को एक ज्ञापन सौंपा। इस प्रदर्शन की अध्यक्षता वीरू राम और एमके चहल ने की। उन्होंने बताया कि नागरिकों को आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल रही हैं और धर्म के आधार पर भेदभाव हो रहा है। हाल ही में एक पास्टर पर हुए हमले का मामला भी उठाया गया, जिसमें अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।


चुनाव प्रक्रिया में सुधार की मांग

प्रदर्शनकारियों ने बेरोजगारी की बढ़ती समस्या पर चिंता जताई और चुनावों में ईवीएम के बजाय बैलट पेपर का उपयोग करने की मांग की। इसके अलावा, ओबीसी और अन्य जातियों की जनगणना की आवश्यकता पर जोर दिया गया। आदिवासियों के उत्पीड़न को रोकने, धार्मिक भेदभाव समाप्त करने और एससी-एसटी तथा ओबीसी के लिए आरक्षण लागू करने की भी मांग की गई।


उन्होंने नागरिकों के मौलिक अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की आवश्यकता पर भी बल दिया। इसके बाद, कार्यकर्ता लघु सचिवालय की ओर बढ़े और अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।


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