डोनाल्ड ट्रंप का जीनियस एक्ट: अमेरिका में डिजिटल करेंसी का नया युग
जीनियस एक्ट का परिचय
जीनियस एक्ट क्या है: हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने 'बिग ब्यूटीफुल बिल' को लेकर चर्चा में रहे हैं, जिसके चलते उनका और टेस्ला के मालिक एलन मस्क के बीच तनाव भी उत्पन्न हुआ। अब ट्रंप ने एक नए एक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसे जीनियस एक्ट कहा जाता है। व्हाइट हाउस के अनुसार, यह एक्ट अमेरिका को वैश्विक डिजिटल करेंसी क्रांति में अग्रणी बनाएगा। इसके माध्यम से स्टेबलकॉइन्स को नियंत्रित किया जा सकेगा, जो एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी है। इस घोषणा के बाद बिटकॉइन की कीमतों में भी तेजी आई है। आइए जानते हैं जीनियस एक्ट के बारे में और यह कैसे कार्य करेगा।
जीनियस एक्ट की विशेषताएँ
अमेरिका में जीनियस एक्ट के अंतर्गत नए नियमों को लागू करने की चर्चा काफी समय से चल रही थी। हाल ही में, डोनाल्ड ट्रंप ने इस एक्ट पर हस्ताक्षर कर इसे लागू किया है। इसे वैश्विक डिजिटल करेंसी में क्रांति के रूप में देखा जा रहा है, जिससे स्टेबलकॉइन्स को नियंत्रित किया जा सकेगा। व्हाइट हाउस ने बताया कि यह अमेरिका के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगा। जीनियस एक्ट विशेष रूप से डिजिटल करेंसी के लिए तैयार किया गया है।
स्टेबलकॉइन की परिभाषा
स्टेबलकॉइन क्या है: रिपोर्टों के अनुसार, स्टेबलकॉइन एक प्रकार के क्रिप्टोग्राफिक टोकन होते हैं, जिन्हें डिजिटल संपत्ति भी कहा जा सकता है। इन्हें मूल्यों को स्थिर बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उदाहरण के लिए, बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में उतार-चढ़ाव होता है, जबकि स्टेबलकॉइन के मूल्यों में बहुत अधिक परिवर्तन नहीं होता। आमतौर पर, एक स्टेबलकॉइन का मूल्य एक डॉलर के बराबर होता है। स्टेबलकॉइन का उद्देश्य एक नियंत्रित और मूल्य सुरक्षित रखने वाले माध्यम के रूप में कार्य करना है।