तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने आंध्र प्रदेश को दी चेतावनी, जल परियोजनाओं में हस्तक्षेप न करने का आग्रह
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का स्पष्ट संदेश
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने शनिवार को आंध्र प्रदेश सरकार को एक स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि राज्य की सिंचाई परियोजनाओं में किसी भी प्रकार की रुकावट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू से अनुरोध किया कि वे जल संबंधी परियोजनाओं में बाधा न डालें और शांति बनाए रखें। इसके साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तेलंगाना के जल अधिकारों में हस्तक्षेप जारी रहा, तो स्थिति संघर्ष की ओर बढ़ सकती है.
जल परियोजनाओं का महत्व
रेवंत रेड्डी ने कहा, "हमें शांति से रहने दें," और जोर देकर कहा कि पलामुरु-रंगारेड्डी लिफ्ट सिंचाई योजना, डिंडी, कलवाकुर्थी, भीमा, नेट्टेमपाडु और कोइलसागर जैसी परियोजनाएं तेलंगाना के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन परियोजनाओं में आंध्र सरकार का कोई हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा.
रायलसीमा परियोजना पर आपत्ति
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से रायलसीमा लिफ्ट सिंचाई परियोजना पर आपत्ति जताई, जो कृष्णा नदी से प्रतिदिन 3 टीएमसी पानी मोड़ने का दावा करती है। उनके अनुसार, यह तेलंगाना की जल आवश्यकताओं पर सीधा हमला है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.
पूर्व मुख्यमंत्री पर सवाल उठाते हुए
रेवंत रेड्डी ने याद दिलाया कि भीमा और नेट्टेमपाडु जैसी परियोजनाएं खुद चंद्रबाबू नायडू के कार्यकाल में शुरू हुई थीं, जब वे अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने सवाल उठाया कि जिन योजनाओं की नींव उन्होंने खुद रखी, उन्हें रोकने की कोशिश कैसे की जा सकती है? तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने अपने पूर्ववर्ती के. चंद्रशेखर राव पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने पलामुरु परियोजना की अनदेखी की और कालेश्वरम पर अत्यधिक खर्च किया, जो अब लगभग बंद हो चुकी है.
जल अधिकारों की सुरक्षा के लिए लड़ाई
रेवंत रेड्डी ने 2034 तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का दावा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही साल में 60,000 सरकारी नौकरियों की भर्ती कर एक रिकॉर्ड स्थापित किया है। उन्होंने विदेश दौरों के माध्यम से निवेश आकर्षित करने की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि तेलंगाना अपने जल अधिकारों की सुरक्षा के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ने को तैयार है, लेकिन पहले आंध्र से सहयोग की उम्मीद करता है.