दिल्ली के आतंकी हमले पर चिदंबरम का बयान: घरेलू आतंकवाद की गंभीरता पर उठाए सवाल
दिल्ली में आतंकी हमले के बाद की स्थिति
दिल्ली के लाल किले के निकट हुए आतंकी हमले ने देशभर में सुरक्षा और राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है। इस संदर्भ में, पूर्व गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने 'घरेलू आतंकवाद' के मुद्दे को उठाकर एक नई बहस शुरू की है। उनका कहना है कि भारत को दो प्रकार के आतंकवाद का सामना करना पड़ रहा है: एक जो विदेश से प्रशिक्षित होकर आता है और दूसरा जो देश के भीतर विकसित हो रहा है।
चिदंबरम का आतंकवाद पर दृष्टिकोण
चिदंबरम ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि मैं पहलगाम हमले के संदर्भ में हमेशा यही कहता रहा हूं कि आतंकवाद दो श्रेणियों में विभाजित है। एक श्रेणी में वे बाहरी आतंकवादी हैं, जो सीमाओं के पार से आते हैं, जबकि दूसरी श्रेणी में घरेलू आतंकवादी शामिल हैं, जो भारत के भीतर कट्टरता और असंतोष के कारण उत्पन्न होते हैं। उन्होंने संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान भी इसी बात को उठाया था, लेकिन उस समय उनके बयान का मजाक उड़ाया गया।
उन्होंने आगे कहा कि भले ही सरकार इस विषय पर मौन है, लेकिन वह जानती है कि घरेलू आतंकवादी भी सक्रिय हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम यह समझें कि किन परिस्थितियों में हमारे नागरिक, यहां तक कि शिक्षित लोग, इस रास्ते पर चलने के लिए मजबूर होते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया
चिदंबरम का यह बयान उस समय आया है जब 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए विस्फोट में 12 लोगों की जान गई है और कई अन्य घायल हुए हैं। केंद्र सरकार ने इसे एक गंभीर आतंकी हमला माना है और इसकी जांच को उच्च प्राथमिकता दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वे हर पहलू की गहराई से जांच करें और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करें।
पीएम मोदी का अस्पताल दौरा
प्रधानमंत्री मोदी ने एलएनजेपी अस्पताल का दौरा भी किया, जहां उन्होंने घायलों से मुलाकात की और उनके इलाज की जिम्मेदारी सरकार द्वारा उठाने की घोषणा की। बुधवार को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक में भी इस हमले पर चर्चा की गई। कैबिनेट ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे राष्ट्रविरोधी ताकतों द्वारा किया गया जघन्य अपराध बताया। साथ ही, शहीद हुए निर्दोष नागरिकों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जांच एजेंसियां मिलकर इस आतंकी साजिश की हर कड़ी तक पहुंचने के लिए काम कर रही हैं। चिदंबरम का बयान इस मुद्दे को एक नई राजनीतिक और वैचारिक दिशा में ले गया है, जहां केवल बाहरी आतंकवाद का सवाल नहीं, बल्कि देश के भीतर बढ़ती कट्टरता और असंतोष के कारणों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।