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दिल्ली के लाल किले के पास धमाके की साजिश का खुलासा

दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की साजिश का खुलासा हुआ है, जिसमें कश्मीर से जुड़े कई डॉक्टरों और मौलवियों का नाम सामने आया है। जांच में पता चला है कि ये लोग जैश-ए-मोहम्मद के संपर्क में थे और विस्फोटक सामग्री इकट्ठा कर रहे थे। पुलिस ने इस मामले में कई गिरफ्तारियां की हैं और पूरे नेटवर्क के पाकिस्तान कनेक्शन की जांच कर रही है। विस्फोट में 12 लोगों की जान गई, जिससे सुरक्षा बलों में हड़कंप मच गया है।
 

दिल्ली में धमाके की कहानी

नई दिल्ली: दिल्ली के लाल किले के निकट हुए विस्फोट के पीछे की कहानी कश्मीर से शुरू होती है। 18 अक्टूबर को श्रीनगर के नोगाम क्षेत्र में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के उर्दू में लिखे पोस्टर पाए गए, जिनमें सुरक्षा बलों और बाहरी लोगों पर हमलों की चेतावनी दी गई थी। पुलिस ने तुरंत इस मामले की रिपोर्ट दर्ज की और जांच प्रक्रिया आरंभ की।


सीसीटीवी फुटेज से मिली जानकारी

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तीन युवकों को हिरासत में लिया गया, जिन्होंने बताया कि उन्होंने ये पोस्टर मौलवी इरफान के निर्देश पर लगाए थे। इरफान, जो श्रीनगर की चानपोरा मस्जिद का इमाम था, पहले भी युवाओं को पत्थरबाजी के लिए भड़काने के मामलों में पुलिस की निगरानी में था। अगस्त 2019 के बाद वह शांत दिखाई दे रहा था, लेकिन वास्तव में जैश से जुड़े नेटवर्क का संचालन कर रहा था।


पूछताछ में महत्वपूर्ण खुलासे

पूछताछ में क्या हुआ खुलासा?

इरफान की पूछताछ में यह जानकारी सामने आई कि कुलगाम का डॉक्टर आदिल रदर इस साजिश में शामिल है। आदिल पहले अनंतनाग मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर था और बाद में फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में कार्यरत था। पुलिस ने अक्टूबर में उसे गिरफ्तार किया। उसकी गिरफ्तारी के बाद एक और डॉक्टर, मुजम्मिल गनाई, का नाम सामने आया जो श्रीनगर के मेडिकल कॉलेज से अल-फलाह कॉलेज आया था.


डॉक्टरों के बीच का संबंध

उमर उन नबी के बारे में किसने बताया?

मुजम्मिल गनई की गिरफ्तारी के बाद उसने एक और डॉक्टर, उमर उन नबी, का नाम लिया जो इस नेटवर्क का हिस्सा था और जिसके पास एक अवैध AK-47 राइफल थी। यह राइफल उसके दोस्त डॉक्टर शाहीन शाहिद की कार में रखी गई थी। जांच में यह भी पता चला कि ये सभी डॉक्टर जैश के हैंडलर्स से टेलीग्राम पर संपर्क में थे और पाकिस्तान से निर्देश प्राप्त कर रहे थे.


आतंकी साजिश का खुलासा

आदिल और मुजम्मिल ने क्या किया खुलासा?

आदिल और मुजम्मिल ने बताया कि मौलवी हाफिज इश्तियाक ने फरीदाबाद में एक घर किराए पर लेकर विस्फोटक जमा किए थे। पुलिस ने छापेमारी में 2,563 किलो और 358 किलो अमोनियम नाइट्रेट और डिटोनेटर बरामद किए। जांचकर्ताओं का मानना है कि इतनी मात्रा में विस्फोटक किसी बड़े आतंकी हमले की तैयारी का संकेत देती है.


दिल्ली में विस्फोट का कारण

कैसे पहुंचा दिल्ली?

पुलिस को संदेह है कि जब उमर उन नबी को यह एहसास हुआ कि पुलिस उनके करीब पहुंच गई है, तो वह कुछ विस्फोटकों के साथ कार लेकर भागा। वही कार 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास धमाके में शामिल हुई। इस विस्फोट में 12 लोगों की जान गई। पुलिस अब पूरे नेटवर्क के पाकिस्तान कनेक्शन की जांच कर रही है.