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दिल्ली धमाके की जांच में चौंकाने वाले खुलासे

दिल्ली में हाल ही में हुए बम धमाके की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आतंकियों का पहला निशाना अयोध्या था, जहां 25 नवंबर को एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम होने वाला था। हालांकि, सुरक्षा के चलते उनकी योजना विफल हो गई। जांच में यह भी पता चला है कि धमाका अचानक किया गया था, और इसके पीछे की साजिश फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी में रची गई थी। जानें इस मामले में और क्या खुलासे हुए हैं।
 

आतंकियों का पहला निशाना अयोध्या


25 नवंबर को अयोध्या में धमाके की योजना थी, लेकिन सुरक्षा के कारण नहीं हो सके सफल


दिल्ली में सोमवार को हुए बम धमाके की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, एक आतंकवादी संगठन ने पिछले महीने जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़े धमाके की योजना बनाई थी। हालांकि, सुरक्षा व्यवस्था के कारण वे अपने इरादों में सफल नहीं हो पाए।


जांच में यह भी पता चला है कि आतंकियों का प्राथमिक लक्ष्य अयोध्या था, जहां 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का राम मंदिर के ध्वजारोहण का कार्यक्रम निर्धारित था। इसके बाद दिल्ली में 6 दिसंबर को धमाके करने की योजना थी। यह जानकारी आठ संदिग्धों से पूछताछ के दौरान मिली है।


दिल्ली धमाका अचानक किया गया

जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि लाल किले के पास सोमवार को हुआ धमाका पहले से तय योजना का हिस्सा नहीं था। यह धमाका रविवार को फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी से मुख्य आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल और अन्य की गिरफ्तारी के बाद किया गया। पुलवामा निवासी डॉ. उमर नबी ने इस धमाके को अंजाम दिया, जो गिरफ्तारी के डर से बौखला गया था।


लाल किले की रेकी का खुलासा

जांच में यह भी सामने आया है कि उमर और मुजम्मिल ने जनवरी 2023 से लेकर 2025 तक लाल किले की कई बार रेकी की। उनका इरादा गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर हमले करने का था। दिसंबर में दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट की योजना बनाई गई थी।


साजिश का केंद्र फरीदाबाद

इस धमाके की साजिश फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी में रची गई थी। मुख्य आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल पिछले दो वर्षों से आतंकवादी संगठनों के साथ मिलकर दिल्ली को दहलाने की योजना बना रहा था। मुजम्मिल पुलवामा से संबंधित है, और इस मामले में अन्य साजिशकर्ताओं का भी संबंध घाटी से है, जिसके चलते खुफिया एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में व्यापक अभियान चलाया।