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दिल्ली धमाके में नए खुलासे: दो साल से सक्रिय आतंकी समूह का पर्दाफाश

दिल्ली में हाल ही में हुए बम धमाके की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी के डॉ. मुज्जमिल अहमद गनेई और उनके सहयोगियों ने पिछले दो वर्षों से आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाई थी। सुरक्षा एजेंसियों ने इनसे 2921 किलो विस्फोटक और अन्य खतरनाक हथियार बरामद किए। इस मामले में कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं, जो इस आतंकी नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती हैं।
 

दिल्ली में बम धमाके की जांच में नए तथ्य


आतंकियों के मंसूबों का खुलासा


दिल्ली में पिछले सोमवार को हुए बम धमाके की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत डॉ. मुज्जमिल अहमद गनेई उर्फ मुसैब और उनके सहयोगियों ने पिछले दो वर्षों से आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाई थी।


आरोपी डॉक्टरों और उनके छात्रों ने सामाजिक और शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से धन जुटाया और पाकिस्तान के हैंडलर्स के साथ लगातार संपर्क में थे। उन्होंने दिल्ली को निशाना बनाने की योजना बनाई, जो फरीदाबाद के निकट और राष्ट्रीय राजधानी होने के कारण आसान था। मौलवी इरफान ने इन डॉक्टरों को पाकिस्तानी हैंडलर्स के निर्देश पर कट्टरपंथी बनाया। ये लोग एन्क्रिप्टेड संचार प्रणाली का उपयोग कर रहे थे ताकि सुरक्षा एजेंसियों से बच सकें।


सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता से बची बड़ी तबाही

जब सुरक्षा एजेंसियों को इन गतिविधियों की जानकारी मिली, तो उन्होंने डॉ. मुज्जमिल और उनके साथियों के पास से 2921 किलो विस्फोटक और अन्य खतरनाक हथियार बरामद किए। यह आतंकी साजिश अलफलाह यूनिवर्सिटी के बिल्डिंग नंबर 17 के कमरे नंबर 13 में रची गई थी। रविवार को मुज्जमिल के कमरे पर छापा मारा गया, जहां से टाइमर्स, बैटरी और अन्य सामग्री मिली। फायरआर्म्स में एक असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन, 83 कारतूस, एक पिस्टल और अन्य सामग्री शामिल थी।


दोस्ताना रिश्ते में थे मुज्जमिल और उमर

तीसरी मंजिल पर स्थित कमरा डॉ. मुज्जमिल को आवंटित था, जबकि बगल का कमरा डॉ. उमर को दिया गया था। हालांकि, उमर ने अपना कमरा छोड़कर मुज्जमिल के साथ रहने का निर्णय लिया। यूनिवर्सिटी के सूत्रों के अनुसार, दोनों पिछले कुछ महीनों से अच्छे दोस्त थे।


महिला मित्र भी गिरफ्तार

यह आतंकी मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अंसर गजवात-उल-हिंद जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ा हुआ था। इस कार्रवाई में फरीदाबाद से डॉ. मुजम्मिल शकील और लखनऊ से महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया गया। मुजम्मिल शकील के कमरे से 360 किलो विस्फोटक और असॉल्ट राइफल बरामद की गई। वहीं, शाहीन की कार से कश्मीर में एके-47 राइफल और जिंदा कारतूस जब्त किए गए।