दिल्ली में कार धमाके के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ? जानें पूरी कहानी
दिल्ली में भयानक धमाका
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले के पास एक कार में हुए विस्फोट ने 10 लोगों की जान ले ली है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। इस हमले की जांच गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है। इस चौंकाने वाले हमले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसमें सबसे बड़ा यह है कि इसके पीछे कौन है और इसका उद्देश्य क्या था। हालांकि, अभी तक किसी आतंकवादी संगठन ने इस कार धमाके की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इसके संबंध जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है।
जैश-ए-मोहम्मद का इतिहास
जैश-ए-मोहम्मद, जिसका संस्थापक मसूद अजहर है, को 1999-2000 में स्थापित किया गया था। यह वही मसूद अजहर है, जिसने भारत को कई बार नुकसान पहुंचाया है, जैसे कि संसद हमला (2001), मुंबई हमला (2008), पठानकोट एयरबेस हमला और पुलवामा हमला।
कार धमाके से जुड़ी गिरफ्तारी
दिल्ली में हुए कार धमाके से पहले, पुलिस ने लखनऊ की एक महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया था, जिसकी कार से AK-47 राइफल और जिंदा कारतूस मिले थे। डॉ. शाहीन का संबंध डॉ. मुजम्मिल नामक व्यक्ति से था, जिसे हाल ही में हरियाणा से पकड़ा गया था। जांच में यह भी सामने आया कि डॉ. मुजम्मिल इस महिला की कार का उपयोग करता था। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यूपी पुलिस, हरियाणा पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के सहयोग से की थी।
महिलाओं की भर्ती में भूमिका
रिपोर्टों के अनुसार, डॉ. शाहीन शाहिद जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी हुई थी और उसे महिला आतंकियों की भर्ती का कार्य सौंपा गया था। सुरक्षा एजेंसियों को पहले से ही जानकारी थी कि जैश-ए-मोहम्मद अब महिलाओं को भी आतंक की ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है।
विशेष विंग का गठन
इस उद्देश्य के लिए, जैश-ए-मोहम्मद ने एक विशेष विंग बनाई है, जिसका नाम "जमात-उल-मोमिनात" रखा गया है। इस विंग का नेतृत्व मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर कर रही है। सादिया के पति यूसुफ अजहर को भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान मार गिराया था। यूसुफ अजहर कंधार विमान अपहरण कांड में भी शामिल था। अब उसकी पत्नी सादिया अजहर महिलाओं को आतंक की ओर धकेलने का कार्य कर रही है।
ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव
एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और 4 सहयोगी मारे गए थे। इनमें मसूद अजहर की बड़ी बहन, बहनोई, भांजे की पत्नी, भांजी और पांच बच्चे शामिल थे। यह कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद की गई थी, जब भारत ने पाकिस्तान में घुसकर बड़ी कार्रवाई की थी।