दिल्ली में धमाके की जांच: क्या है फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का कनेक्शन?
दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास धमाका
नई दिल्ली : दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के निकट हुए विस्फोट में 12 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए हैं। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि विस्फोटक पूरी तरह से विकसित नहीं था, जिससे इसका प्रभाव सीमित रह गया। फॉरेंसिक टीम इस समय यह पता लगाने में जुटी है कि घटनास्थल पर किस प्रकार का विस्फोटक इस्तेमाल किया गया था।
बम का समय से पहले फटना
समय से पहले फट गया था बम
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, IED का निर्माण गलत तरीके से किया गया था, जिसके कारण विस्फोट का प्रभाव विनाशकारी नहीं हो सका। बम समय से पहले फट गया और पूरी तरह से विकसित नहीं था, जिससे आसपास कोई गड्ढा नहीं बना और कोई छर्रे भी नहीं मिले। जांच में यह भी सामने आया कि धमाके के समय कार में केवल एक व्यक्ति मौजूद था।
फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का संबंध
फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़ाव
जांच एजेंसियों ने इस धमाके को फरीदाबाद में पकड़े गए टेरर मॉड्यूल से जोड़ा है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, संदिग्ध ने फरीदाबाद में हुई रेड के बाद घबराकर स्थान बदलने की कोशिश की, जिससे विस्फोट अनजाने में हुआ। सूत्रों के मुताबिक, यह घटना आत्मघाती हमले जैसी स्थिति में बदल गई थी, लेकिन असली उद्देश्य अभी भी स्पष्ट नहीं है।
डॉक्टर उमर की भूमिका
धमाके के समय डॉक्टर उमर चला रहा था कार
पुलिस जांच में यह सामने आया कि कार में धमाका करने वाला व्यक्ति जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का निवासी डॉक्टर उमर नबी था। वह कार चला रहा था और पहले यह माना गया था कि उसमें तीन लोग थे, लेकिन जांच में पुष्टि हुई कि केवल उमर ही मौजूद था। फरीदाबाद में पकड़े गए टेरर मॉड्यूल के तार उमर से जुड़े पाए गए हैं।
उमर का संदिग्ध व्यवहार
उमर ने कार में तीन घंटे तक इंतजार...
जांच में पता चला कि उमर ने कार में लगभग तीन घंटे तक इंतजार किया और इस दौरान इंटरनेट के माध्यम से फरीदाबाद में अपने सहयोगियों की गिरफ्तारी की जानकारी जुटाई। पुलिस को उमर के वाहन की 11 घंटे की यात्रा की जानकारी भी मिली है, जिससे संकेत मिलता है कि धमाका पूर्व नियोजित था लेकिन परिस्थितियों के कारण समय से पहले हो गया।
जांच का विस्तार
दिल्ली और एनसीआर में जांच जारी
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, उमर कार में संभावित रूप से अमोनियम नाइट्रेट लेकर चल रहा था। फिलहाल, फॉरेंसिक टीम घटनास्थल से सबूत जुटाकर विस्फोटक की पहचान कर रही है। दिल्ली और एनसीआर में जांच जारी है, ताकि सभी संभावित आतंक संबंधी कड़ियों का पता लगाया जा सके और आगे की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।