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दिल्ली में निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर अभिभावकों का विरोध

दिल्ली में निजी स्कूलों द्वारा फीस में मनमाने तरीके से वृद्धि के खिलाफ अभिभावकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यूनाइटेड पैरेंट्स वॉयस संगठन के बैनर तले सैकड़ों अभिभावक सड़कों पर उतरे और फीस न चुकाने का संकल्प लिया। आम आदमी पार्टी ने इस आंदोलन का समर्थन किया है, जबकि अभिभावक भाजपा सरकार पर शिक्षा माफियाओं के साथ मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं। केजरीवाल सरकार के समय अभिभावकों को ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा था, लेकिन वर्तमान सरकार के आने के बाद स्थिति बदल गई है।
 

दिल्ली में अभिभावकों का आक्रोश

दिल्ली में निजी स्कूलों द्वारा फीस में मनमाने तरीके से की गई वृद्धि ने अभिभावकों के बीच भारी नाराजगी पैदा कर दी है। शनिवार को यूनाइटेड पैरेंट्स वॉयस संगठन के नेतृत्व में सैकड़ों अभिभावक सड़कों पर उतरे और एक हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसमें उन्होंने बढ़ी हुई फीस का भुगतान न करने का संकल्प लिया। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। आम आदमी पार्टी (आप) ने इस आंदोलन का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया गया। पार्टी ने कहा, "दिल्ली में भाजपा के शासन में निजी स्कूलों में शिक्षा माफिया फिर से सक्रिय हो गया है।


शिक्षा माफिया और सरकार की मिलीभगत

आप ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की मदद से निजी स्कूलों ने फीस में भारी वृद्धि की है। पार्टी ने कहा, "भाजपा सरकार इन शिक्षा माफियाओं के साथ खड़ी है।" अभिभावक अब शिक्षा माफिया और सरकार की तानाशाही से परेशान होकर सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावकों का यह आक्रोश अब खुलकर सामने आ रहा है।


केजरीवाल सरकार में मिली थी राहत

आप ने यह भी कहा कि जब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार थी, तब अभिभावकों को फीस वृद्धि जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा। केजरीवाल सरकार ने हमेशा अभिभावकों के हितों को प्राथमिकता दी और निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से रोका।


अभिभावकों की अनसुनी पुकार

अभिभावकों ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से लेकर अन्य अधिकारियों तक फीस वृद्धि वापस लेने की गुहार लगाई, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। निराश होकर अब वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। फिर भी, भाजपा सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा।