×

दिल्ली में लाल किले के पास धमाका: आतंकियों की योजना नाकाम, अदनान खान गिरफ्तार

दिल्ली के लाल किले के पास हुए एक भयानक धमाके ने शहर में दहशत फैला दी है, जिसमें 10 से अधिक लोगों की जान गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है, जिसमें आतंकियों की संगठित योजना का पर्दाफाश हुआ है। अदनान खान नामक एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया गया है, जिसने दिवाली पर बड़ा हमला करने की योजना बनाई थी। जानें इस घटना के पीछे के रहस्यों और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई के बारे में।
 

दिल्ली में दहशत का माहौल


नई दिल्ली: सोमवार शाम को दिल्ली के लाल किले के निकट हुए विस्फोट ने पूरे शहर में आतंक फैला दिया है। इस घटना में अब तक 10 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को इस मामले की जांच सौंपी गई है, जो यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि क्या इस हमले के पीछे पाकिस्तान या कोई अन्य विदेशी संगठन है।


आतंकियों की संगठित योजना

रिपोर्टों के अनुसार, आतंकियों की योजना बेहद संगठित और खतरनाक थी। उनका लक्ष्य दिवाली जैसे बड़े त्योहार के अवसर पर राजधानी को दहशत में डालना था। हालांकि, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने समय रहते इस योजना को विफल कर दिया।


अदनान खान की गिरफ्तारी

सूत्रों के अनुसार, अदनान खान नामक एक आतंकवादी का नाम सामने आया है। उसे आतंक के आकाओं द्वारा निर्देशित किया गया था कि वह दिवाली के दिन दिल्ली में बड़ा हमला करे। उसने साकेत नगर के एक मॉल को निशाना बनाया था, लेकिन स्पेशल सेल ने उसे और उसके साथी को गिरफ्तार कर इस योजना को नाकाम कर दिया।


गणतंत्र दिवस पर नया लक्ष्य

दिवाली पर हमले की योजना विफल होने के बाद, आतंकियों ने 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस को अपना नया लक्ष्य बनाया। हालांकि, अहमदाबाद, फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर में की गई सुरक्षा कार्रवाई ने उनके इस नए प्लान को भी नाकाम कर दिया।


धमाके की जांच

इस बम विस्फोट में मारे गए आतंकवादी डॉक्टर मोहम्मद उमर ने लाल किले के पास इस हमले को अंजाम दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 24 घंटे बीत जाने के बाद भी किसी आतंकवादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली। भारत में चलती कार में हुए इस धमाके को सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नया और चुनौतीपूर्ण मामला माना जा रहा है।


विशेष रूप से, इस घटना के तार पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर से जोड़े जा रहे हैं, लेकिन वहां से कोई आधिकारिक जिम्मेदारी की घोषणा नहीं हुई है।