दिल्ली-यूपी में भारी बारिश का अलर्ट: हिमाचल में भूस्खलन का खतरा
मौसम की चेतावनी: दिल्ली-यूपी में बारिश का खतरा
दिल्ली-यूपी में भारी बारिश का अलर्ट: हिमाचल में भूस्खलन का खतरा: भारतीय मौसम विभाग ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तेज बारिश के लिए चेतावनी जारी की है। आज कई राज्यों में (heavy rain Delhi NCR) और आंधी-तूफान की संभावना है, जबकि हिमाचल प्रदेश में (landslide threat Himachal) भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।
कई राज्यों में मौसम का कहर
सावन की बारिश इस बार पूरे देश में बेतहाशा गिर रही है। मौसम विभाग के अनुसार, आज राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में तेज हवाओं के साथ मूसलधार बारिश की संभावना है (IMD weather warning)।
दिल्ली में अगले सात दिनों तक बादल छाए रहने और बौछारें पड़ने की संभावना है (Delhi monsoon forecast)। इस बीच, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में (monsoon alert Himachal) भारी बारिश के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं संभावित हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों जैसे असम, अरुणाचल प्रदेश, और मेघालय में मानसून के बाद बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है (flood alert northeast India)।
बढ़ती बारिश से रिकॉर्ड टूटे
झारखंड, राजस्थान और लद्दाख जैसे राज्यों में सामान्य से कहीं ज्यादा बारिश हो चुकी है (Rajasthan heavy rainfall)। झारखंड में 71% और राजस्थान में 116% अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है।
लद्दाख जैसे सूखा प्रभावित क्षेत्र में भी सामान्य से 97% ज्यादा बारिश हुई है। मध्य प्रदेश ने 67% और गुजरात ने 64% अधिक बारिश दर्ज की है (MP heavy rainfall monsoon, Gujarat monsoon increase)।
आंकड़े बताते हैं कि इस साल देश में मानसून ने अब तक सामान्य से 9% अधिक बारिश दी है।
हरियाणा, ओडिशा, दादरा एवं नगर हवेली समेत कई क्षेत्रों में भी अच्छी वर्षा देखी गई है, जिससे (monsoon impact agriculture) को सकारात्मक बढ़ावा मिला है।
कुछ राज्यों में संकट, तो कुछ में राहत
उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल, और महाराष्ट्र जैसे कई राज्य अब भी सामान्य या उससे कम बारिश का अनुभव कर रहे हैं (Delhi rain next week)।
हालांकि, देश के 42% लोग खेती से जुड़ी आजीविका पर निर्भर हैं और मानसून उनके लिए वरदान साबित होता है।
मानसून ना सिर्फ किसानों के लिए, बल्कि पीने के पानी और बिजली उत्पादन से जुड़े जलाशयों को भरने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है (monsoon power generation, monsoon water crisis)।
मई में आईएमडी ने अनुमान लगाया था कि जून-सितंबर के बीच भारत को सामान्य से 106% बारिश मिलेगी, जो कृषि और जीडीपी दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।