दिल्ली विस्फोट: फरीदाबाद यूनिवर्सिटी में सुरक्षा चूक पर उठे सवाल
फरीदाबाद यूनिवर्सिटी में विस्फोटक सामग्री की मौजूदगी पर सवाल
दिल्ली में हुए विस्फोट ने सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल
नई दिल्ली में सोमवार की शाम लाल किले के पास हुए एक शक्तिशाली विस्फोट ने कई लोगों की जान ले ली और सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फरीदाबाद की एक यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर द्वारा इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक और हथियारों का जमा होना किसी भी सुरक्षा एजेंसी की नजर में क्यों नहीं आया, यह एक बड़ा प्रश्न है।
यूनिवर्सिटी प्रबंधन भी इस मामले से अनजान था। 2921 किलो विस्फोटक के साथ आतंक की योजना अल फलाह यूनिवर्सिटी के बिल्डिंग नंबर 17 के कमरे नंबर 13 में बनाई गई थी। जब सुरक्षा एजेंसियों ने रविवार को डॉ. मुज्जमिल अहमद गनेई उर्फ मुसैब और उसके सहयोगियों तक पहुंच बनाई, तब क्या वास्तव में देर हो चुकी थी?
रविवार को मुज्जमिल के कमरे से बरामद सामग्री
रविवार को मुज्जमिल के कमरे पर छापेमारी की गई, जहां से कई संदिग्ध सामान जैसे 20 टाइमर्स, बैटरी और अन्य सामग्री बरामद की गई। फायरआर्म्स में एक असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन, 83 कारतूस, एक पिस्टल और उसके आठ राउंड कारतूस, दो खाली कारतूस और दो अतिरिक्त मैगजीन शामिल थीं।
महिला मित्र के साथ पकड़ा गया मुज्जमिल
यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अंसर गजवात-उल-हिंद जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ा हुआ था। इस कार्रवाई में फरीदाबाद से डॉक्टर मुजम्मिल शकील और लखनऊ से महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया गया। मुजम्मिल शकील के कमरे से 360 किलो विस्फोटक और असॉल्ट राइफल बरामद की गई। सोमवार को शाहीन की कार से कश्मीर में एके-47 राइफल और जिंदा कारतूस जब्त किए गए।
पुलवामा का निवासी मुज्जमिल
डॉक्टर मुजम्मिल फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था और पुलवामा के कोइल का निवासी है। डॉक्टर शाहीन उसकी गर्लफ्रेंड है और मुजम्मिल उसकी कार का इस्तेमाल करता था। उसने फरीदाबाद के धौज गांव में तीन महीने पहले किराए पर कमरा लिया था, लेकिन वह वहां केवल सामान रखने के लिए जाता था। इससे पहले, 7 नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर से डॉ. आदिल अहमद को गिरफ्तार किया था, जो अनंतनाग का निवासी था।