प्रयागराज में तेज रफ्तार कार से हुई दुर्घटना, एक महिला की मौत
दुर्घटना का विवरण
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। यह दुर्घटना उन प्रशासनिक और सामाजिक लापरवाहियों को उजागर करती है, जो फुटपाथ पर रहने वाले लोगों की सुरक्षा को नजरअंदाज करती हैं। हाईकोर्ट के पास आंबेडकर चौराहे पर, एक तेज रफ्तार वैगन आर कार ने फुटपाथ पर सो रहे कुछ लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में 65 वर्षीय महिला की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि दो अन्य महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं। तीन अन्य को मामूली चोटें आई हैं।स्थानीय लोगों ने गुस्से में आकर कार को क्षतिग्रस्त किया और फिर उसमें आग लगा दी। यह घटना शुक्रवार रात लगभग 1 बजे हुई, जब कई जरूरतमंद लोग खाना खाने के बाद हाईकोर्ट फ्लाईओवर के नीचे आराम कर रहे थे। अचानक एक वैगन आर कार तेज गति से आई और सो रहे लोगों को रौंदते हुए निकल गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वाहन इतनी तेज गति में था कि ड्राइवर को ब्रेक लगाने का भी समय नहीं मिला। टक्कर के बाद, ड्राइवर कार छोड़कर भाग गया।
घायलों की पहचान
इस दुर्घटना में मांडा क्षेत्र के किनौरा गांव की निवासी 65 वर्षीय चमेली देवी की मृत्यु हो गई। वहीं, उसी गांव की श्रीदेवी और गुलाब देवी की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। तीन अन्य लोगों को हल्की चोटें आई हैं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
स्थानीय लोगों का आक्रोश
घटना की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। हादसे के बाद लोगों का गुस्सा इस कदर भड़का कि उन्होंने कार पर पथराव कर उसे पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया और बाद में उसमें आग भी लगा दी। कुछ समय के लिए इलाके में तनाव का माहौल बन गया, जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाया गया।
पुलिस की कार्रवाई
हादसे के बाद, सिविल लाइंस क्षेत्र के एसीपी ने जानकारी दी कि आरोपी ड्राइवर की तलाश शुरू कर दी गई है और कैंट थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी की पहचान के लिए आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है और दो टीमें गठित की गई हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस मार्ग पर रात में तेज रफ्तार वाहनों का चलना आम बात है, और प्रशासन ने इसकी रोकथाम के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किए हैं। यह दुर्घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो न तो सड़कों की जिम्मेदारी को समझते हैं और न ही फुटपाथ पर सो रहे बेसहारा लोगों की सुरक्षा की चिंता करते हैं।