फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी ने दिल्ली ब्लास्ट केस पर जारी किया बयान
अल फलाह यूनिवर्सिटी का आधिकारिक बयान
फरीदाबाद: हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी ने दिल्ली में हुए ब्लास्ट मामले में अपने दो डॉक्टरों के नाम सामने आने के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इन डॉक्टरों के साथ उनका केवल पेशेवर संबंध था और संस्था का किसी भी आपराधिक गतिविधि से कोई संबंध नहीं है। कुलपति प्रोफेसर (डॉ) भुपिंदर कौर आनंद ने कहा कि यूनिवर्सिटी इस घटना से दुखी है और इसकी कड़ी निंदा करती है।
यूनिवर्सिटी की मान्यता और इतिहास
अल फलाह ग्रुप ने अपने बयान में बताया कि वह 1997 से विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों का संचालन कर रहा है और यह यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) से मान्यता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि यह यूनिवर्सिटी 2019 से एमबीबीएस छात्रों को शिक्षा दे रही है और यहां से प्रशिक्षित डॉक्टर देश-विदेश के प्रतिष्ठित अस्पतालों में कार्यरत हैं।
कुलपति का स्पष्टीकरण
कुलपति ने कहा कि उन्हें जांच एजेंसियों द्वारा दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी की जानकारी मिली है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन डॉक्टरों का यूनिवर्सिटी से केवल औपचारिक संबंध था और इनकी व्यक्तिगत गतिविधियों से विश्वविद्यालय का कोई संबंध नहीं है।
यूनिवर्सिटी की छवि पर सवाल
बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स झूठी और भ्रामक जानकारी फैला रहे हैं, जिसका उद्देश्य यूनिवर्सिटी की छवि को नुकसान पहुंचाना है। अल फलाह यूनिवर्सिटी ने इन सभी रिपोर्ट्स को खारिज किया है और इसे बदनाम करने की कोशिश बताया है। उन्होंने सभी संगठनों और व्यक्तियों से अनुरोध किया कि वे किसी भी जानकारी को साझा करने या टिप्पणी करने से पहले आधिकारिक स्रोतों से सत्यापन करें।
लैब की सुरक्षा पर स्पष्टीकरण
प्रशासन ने यह स्पष्ट किया कि यूनिवर्सिटी के लैब में किसी भी प्रकार के केमिकल या विस्फोटक सामग्री का उपयोग या भंडारण नहीं किया जाता है। सभी प्रयोगशालाओं में केवल अकादमिक और प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए प्रयोग किए जाते हैं और सभी गतिविधियां नियामक संस्थाओं द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों के तहत की जाती हैं।
यूनिवर्सिटी की चर्चा का कारण
यह हरियाणा स्थित विश्वविद्यालय तब चर्चा में आया जब वहां कार्यरत दो संदिग्ध डॉक्टर, उमर मोहम्मद, भी अल फलाह में काम कर रहे थे। हाल के दिनों में, सुरक्षा दल ने परिसर की जांच की है और इस संबंध में 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की है।