×

बिहार चुनाव: निर्वाचन आयोग ने अधिकारियों के ट्रांसफर पर जताई चिंता

बिहार चुनाव में निर्वाचन आयोग ने हाल ही में अधिकारियों के ट्रांसफर पर चिंता जताई है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम (SIR) से जुड़े पदों को रिक्त नहीं छोड़ा जाए। इस प्रक्रिया का उद्देश्य फर्जी मतदाताओं को हटाना है। वर्तमान में, SIR प्रक्रिया अंतिम चरण में है, जिसमें अधिकांश मतदाता फॉर्म भर चुके हैं। जानें इस प्रक्रिया के महत्व और वर्तमान स्थिति के बारे में।
 

बिहार चुनाव में अधिकारियों के ट्रांसफर पर निर्वाचन आयोग की आपत्ति

Bihar Election: हाल ही में बिहार सरकार ने कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के ट्रांसफर किए हैं। इस पर चुनाव आयोग ने हस्तक्षेप किया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने इस मामले में आपत्ति जताते हुए बिहार के मुख्य सचिव और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ को पत्र लिखा है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम (SIR) से जुड़े पदों जैसे DIO, ERO, AERO और अन्य निर्वाचन संबंधी पदों को किसी भी स्थिति में रिक्त नहीं छोड़ा जाए। इसके साथ ही, ऐसे अधिकारियों का तबादला बिना निर्वाचन आयोग की अनुमति के करने से मना किया गया है। आयोग ने कहा कि इससे SIR प्रक्रिया में गंभीर बाधा उत्पन्न हो सकती है। गुंजियाल ने सभी विभागों से SIR प्रक्रिया को प्राथमिकता देने और बिना निर्वाचन विभाग की अनुमति के किसी भी ट्रांसफर को रोकने का अनुरोध किया है।


डीएसपी और सचिवालय में हुए ट्रांसफर

बिहार सरकार ने पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया है। 40 डीएसपी स्तर के अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है, जिसमें पटना सिटी, आरा, मुजफ्फरपुर जैसे कई जिलों के एसडीपीओ शामिल हैं। गृह विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी। इसके अलावा, बिहार सचिवालय सेवा के 23 वरिष्ठ अधिकारियों का भी तबादला किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए अधिसूचना जारी की थी। इतने बड़े ट्रांसफर के बाद चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।


SIR प्रक्रिया का महत्व

इस वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों में फर्जी मतदाताओं को हटाने के लिए गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम (SIR) की प्रक्रिया शुरू की गई है। आयोग ने वैध मतदाता बनने के लिए एक फॉर्म भरवाने का निर्णय लिया है। सत्यापन के लिए आधार कार्ड और पुराने वोटर कार्ड के अलावा 11 दस्तावेजों को मान्य माना गया है। आयोग का दावा है कि इससे अवैध प्रवासियों की पहचान की जा सकेगी और केवल वैध मतदाता ही मतदान में भाग ले सकेंगे।


SIR प्रक्रिया की वर्तमान स्थिति

हाल ही में चुनाव आयोग ने बताया कि SIR प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। प्रदेश में 88.65% मतदाताओं ने एन्यूमरेशन फॉर्म भर दिए हैं। वहीं, 81.96% यानी 6,47,24,300 फॉर्म को बीएलओ ऑनलाइन अपलोड कर चुके हैं। फिलहाल केवल 6.85% मतदाता फॉर्म भरने से बचे हैं। हालांकि, चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पुनरीक्षण के दौरान 35,69,435 मतदाता अपने पते पर नहीं मिले। इनमें से लगभग 1.59% को संभावित मृत, 2.2% को स्थायी रूप से पलायन और 0.73% को एक से अधिक स्थानों पर नामांकित पाया गया है।