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बिहार में डोनाल्ड ट्रंप का निवास प्रमाण पत्र: चुनावी विवाद में नया मोड़

बिहार में डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर निवास प्रमाण पत्र जारी होने से राजनीतिक हलचल मच गई है। यह मामला तब सामने आया जब चुनाव आयोग ने SIR लागू किया। समस्तीपुर के मोहद्दीनगर ब्लॉक में जारी इस प्रमाण पत्र ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आवेदन को रद्द कर दिया और FIR दर्ज की। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और इसके राजनीतिक प्रभाव।
 

बिहार में निवास प्रमाण पत्र का विवाद


पटना: नीतीश कुमार पिछले 20 वर्षों से बिहार की सत्ता में हैं। इस दौरान, बीजेपी और जेडीयू ने सुशासन का ढोल पीटने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वहीं, विपक्षी दल सत्ता से बाहर होने के बावजूद जंगल राज का आरोप लगाने में पीछे नहीं हटते।


बिहार विधानसभा में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का दावा करते हुए चुनाव आयोग ने SIR लागू किया है, जिसके तहत बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम मृतक और फर्जी बताकर काटे जा रहे हैं। इसी बीच, समस्तीपुर जिले के मोहद्दीनगर ब्लॉक से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर निवास प्रमाण पत्र जारी किया गया है। इस खबर ने हंगामा मचा दिया है। यह मामला तब सामने आया है जब डॉग बाबू के नाम पर निवास प्रमाण पत्र बनाने का विवाद अभी ठंडा नहीं हुआ है। विपक्ष इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है।



समस्तीपुर में 'डोनाल्ड जॉन ट्रंप' के नाम से निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया है। आवेदन पत्र में पिता का नाम 'फ्रेडरिक क्राइस्ट ट्रंप' और माता का नाम 'मैरी ऐनी मैकलियोड' लिखा गया है, जबकि तस्वीर अमेरिकी राष्ट्रपति की है। इस पत्र को रद्द करने और मामले में केस दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।


ट्रंप का निवास प्रमाण पत्र: सुशासन बाबू के राज में नया मामला


डोनाल्ड ट्रंप हाल ही में भारत में अपने टैरिफ को लेकर चर्चा में थे, लेकिन अब उनका नाम बिहार के चुनावों में भी आ गया है। एक निवास प्रमाण पत्र वायरल हो रहा है जिसमें उन्हें समस्तीपुर का निवासी बताया गया है। यह प्रमाण पत्र मोहद्दीनगर ब्लॉक में जारी किया गया है, और आवेदन की तारीख 29 जुलाई 2025 है।


FIR दर्ज की गई


आवेदन पत्र में डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीर के साथ कई व्यक्तिगत जानकारियां दी गई हैं। मामले के सामने आने के बाद तुरंत कार्रवाई की गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, राजस्व अधिकारी ने 4 अगस्त 2025 को इस आवेदन को रद्द कर दिया था। साथ ही, एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ समस्तीपुर में साइबर थाने में FIR दर्ज की गई है। कहा जा रहा है कि यह सब गहन पुनरीक्षण (SIR) के कार्य को प्रभावित करने के लिए किया गया है। प्रशासन इस मामले पर कड़ी नजर रखे हुए है।


इससे पहले, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी अपने नाम को वोटर लिस्ट से हटाए जाने का दावा किया था। उन्होंने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत जारी की गई बिहार की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं है।