×

भारत ने अमेरिका को कोरोना के दौरान दवा की आपूर्ति में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

2020 में कोरोना महामारी के दौरान, भारत ने अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति की, जो उस समय अमेरिका के लिए अत्यंत आवश्यक थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से इस दवा की निरंतर आपूर्ति का अनुरोध किया था। भारत ने इस दवा के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाकर अमेरिका को 50 लाख टैबलेट भेजी। यह कदम भारत और अमेरिका के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण उदाहरण था।
 

कोरोना संकट में भारत की मदद

2020 में, कोरोना वायरस ने वैश्विक स्तर पर तबाही मचाई। इस कठिन समय में, अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की कमी का सामना करना पड़ा, और भारत ने सहायता प्रदान की।


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगातार टैक्स बढ़ाने का दबाव डाला। उन्होंने कहा कि भारत रूस से तेल खरीद रहा है, इसलिए टैरिफ में वृद्धि की जा रही है। पहले से ही 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद, जब भारत ने प्रतिक्रिया दी, तो उन्होंने इसे 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय दवा कंपनियों पर अगले 12 से 18 महीनों में 250 प्रतिशत तक टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी।


भारत की कई दवा कंपनियों का अमेरिका में महत्वपूर्ण व्यापार है, और हर साल आवश्यक दवाओं का निर्यात किया जाता है। 2020 में, जब अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आवश्यकता थी, भारत ने 50 लाख टैबलेट का निर्यात किया। यह दवा कोरोना के इलाज में उपयोगी मानी जाती थी।


अप्रैल 2020 में, भारत ने अमेरिका को 50 लाख हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट भेजी थीं। हालांकि, भारत ने पहले इस दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा था, लेकिन ट्रंप के अनुरोध पर और अन्य देशों की मदद के लिए, इस प्रतिबंध को हटा लिया गया।


यह निर्यात कोरोना काल में भारत द्वारा किया गया सबसे बड़ा दवा निर्यात था। ट्रंप ने भारत से इस दवा की निरंतर आपूर्ति का अनुरोध किया था। भारत, जो दुनिया में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का 70 प्रतिशत उत्पादन करता है, ने 7 अप्रैल को इस दवा के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया।


ट्रंप के अनुरोध पर, भारत ने अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की गोलियों के साथ-साथ इस दवा के निर्माण के लिए आवश्यक 9 मीट्रिक टन सक्रिय दवा घटक (एपीआई) का भी निर्यात किया।